
विदेश मंत्री बद्र अब्देलती ने यह संदेश ऐसे महत्वपूर्ण समय पर दिया है जब 15 महीने से जारी विनाशकारी संघर्ष को समाप्त करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और अन्य अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों द्वारा संघर्ष विराम समझौते की घोषणा के एक दिन बाद, नेतन्याहू अब भी कह रहे हैं कि कोई समझौता नहीं हुआ है।
शुक्रवार को जारी बयान से हालांकि ऐसा लग रहा है कि इस समझौते पर इजराइल की सुरक्षा कैबिनेट में मतदान का रास्ता साफ हो गया है। इजराइल ने कहा कि यदि इसे मंजूरी मिल जाती है तो यह समझौता रविवार से लागू हो सकता है।
‘एसोसिएटेड प्रेस’ के साथ एक विशेष साक्षात्कार में अब्देलती ने कहा कि अमेरिका, कतर और मिस्र के मध्यस्थों की ‘‘महत्वपूर्ण भागीदारी’’ के कारण यह समझौता हो पाया है। मध्यस्थों में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के अधिकारी भी शामिल हैं।
नई प्रशासनिक राजधानी में विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में अब्देलती ने कहा, ‘‘हमारे बीच समझौता हो गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका क्रियान्वयन शुरू किया जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब हम बिना किसी देरी के अंतिम अनुमोदन और कार्यान्वयन के लिए प्रयास कर रहे हैं।’’
मिस्र का इजराइल के साथ शांति समझौता है और इसकी सीमा हमास शासित गाजा से लगती है। मिस्र वर्षों से इन दोनों के बीच प्रमुख मध्यस्थ रहा है।
काहिरा को इस समझौते के क्रियान्वयन के लिए अमेरिका, कतर और मिस्र के बीच जारी वार्ता का स्थान माना जा रहा है।
अब्देलती ने कहा कि वार्ता शीघ्र ही शुरू होगी तथा मध्यस्थों के पास मिस्र की राजधानी में एक ‘‘संचालन कक्ष’’ होगा जो समझौते की निगरानी करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और हम दूसरों से भी अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की अपेक्षा रखते हैं।’’
उन्होंने हमास की क्षमताओं पर चर्चा करने से इनकार कर दिया, लेकिन संकेत दिया कि युद्ध के बाद वह गाजा पर शासन करने में कोई भूमिका नहीं निभाएगा।
उन्होंने कहा कि इजराइल-फलस्तीन संघर्ष का एकमात्र समाधान एक स्वतंत्र फलस्तीनी देश की स्थापना है जिसमें वेस्ट बैंक और गाजा शामिल हों।
एपी
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