देश की खबरें | ईडी ने सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ शपथ लेकर झूठी गवाही देने को लेकर मुकदमा चलाने का अनुरोध किया

नयी दिल्ली, 21 जून प्रवर्तन निदेशालय ने कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ शपथ लेकर झूठी गवाही के लिए मुकदमा चलाने का मंगलवार को अनुरोध किया और दावा किया कि उसने तिहाड़ जेल में हमले के बारे में अपने हलफनामे में झूठा बयान दिया है और उसमें जानबूझकर चिकित्सकों की रिपोर्ट का जिक्र नहीं किया है, जिसमें किसी भी तरह की शारीरिक चोट से इनकार किया गया था।

ईडी ने चंद्रशेखर और उसकी पत्नी को जान को खतरा होने के आधार पर तिहाड़ जेल से दिल्ली के बाहर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित किये जाने का विरोध किया और कहा कि उनकी सुरक्षा के लिए तमिलनाडु के विशेष पुलिस बल के पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

न्यायमूर्ति सी टी रवि कुमार और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि चूंकि एक अन्य अवकाशकालीन पीठ ने आदेश पारित करके उन जेलों के नाम मांगे हैं जिनमें चंद्रशेखर और उनकी पत्नी को स्थानांतरित किया जा सकता है, इसलिए वह उसकी (आदेश की) समीक्षा या उसमें संशोधन नहीं कर सकती।

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 23 जून निर्धारित की और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को उन जेलों के नामों की सूची के साथ आने को कहा, जहां चंद्रशेखर और उसकी पत्नी को स्थानांतरित किया जा सकता है।

मेहता ने कहा कि चंद्रशेखर के खिलाफ धनशोधन के आरोपों की जांच कर रही एजेंसी ईडी का पक्ष चूंकि पहले के आदेश के दौरान नहीं सुना गया था, इसलिये यह उचित होगा कि पीठ मामले को उनमें से किसी भी न्यायाधीश के समक्ष सूचीबद्ध करने के लिए भेज दे, जिन्होंने पूर्व में आदेश दिया था।

पीठ इस दलील से सहमत थी कि पूर्व में आदेश सुनाए जाने के दौरान ईडी का पक्ष नहीं सुना गया था। पीठ ने कहा कि वह मामले की सुनवायी छुट्टी के बाद निर्धारित करेगी।

चंद्रशेखर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने कहा कि जेल कर्मचारियों से उनके मुवक्किल की जान को लगातार खतरा है और उससे सुरक्षा के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं।

मेहता ने कहा कि भारत सरकार के अधिवक्ता ने पहले चंद्रशेखर की सुरक्षा के बारे में एक शपथपत्र दिया था और वे उस पर कायम हैं और इस उद्देश्य के लिए उन्हें चौबीस घंटे तमिलनाडु विशेष पुलिस बल की सुरक्षा में रखा जाता है।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि चंद्रशेखर जेल कर्मचारियों की मिलीभगत से मॉडल और मशहूर हस्तियों को अपनी जेल में बुलाता था और उन कर्मियों निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इसके बाद पीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 23 जून तय की।

दिल्ली के महानिदेशक (कारागार) द्वारा दायर एक नए हलफनामे में कहा गया है कि चंद्रशेखर की अर्जी की सामग्री का जोरदार खंडन किया जाता है कि जेल में उस पर हमला किया गया था। इसमें आरोप लगाया गया कि उसने यह किसी अन्य जेल में स्थानांतरण के अनुरोध के लिए गढ़ा ताकि वह वहां अपने कुकृत्य एवं अपराध को दोहरा सके।

इसमें उन 20 मामलों को सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें चंद्रशेखर आरोपी है और कहा गया कि उसका जेल में आचरण "संतोषजनक नहीं" रहा है और उसे दिल्ली जेल नियमावली के उल्लंघन में शामिल पाया गया है।

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