शिमला, दो फरवरी हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायक राजिंदर राणा द्वारा बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखने और फेसबुक पर भी पत्र पोस्ट करने के एक दिन बाद शुक्रवार को एक अधिकारी ने कहा कि हर विधायक मुख्यमंत्री को अपने सुझाव लिखित में दे सकता है।
मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने यहां पत्रकारों से कहा कि पार्टी संगठन और सरकार आगामी आम चुनाव को प्रभावी ढंग से लड़ने के लिए एक ही तर्ज पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "एक बड़े परिवार में छोटी-छोटी चीजें होती रहती हैं।’’
यह पत्र ऐसे समय लिखा गया है जब प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह ने कहा है कि मेहनती पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष है, क्योंकि उन्हें उचित तरीके से समायोजित नहीं किया गया है। इसके अलावा, कुछ कांग्रेस विधायक किसी न किसी बहाने विधायकों की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुए हैं।
चौहान ने कहा कि कुछ विधायकों ने मुख्यमंत्री को लिखित रूप में अपनी प्राथमिकताएं बताई हैं और राणा के पत्र पर हंगामे का कोई कारण नहीं है। उन्होंने ''तिल का ताड़ बनाने'' को लेकर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की।
चौहान ने यह भी कहा कि इस पर्वतीय राज्य में कांग्रेस सरकार पार्टी कार्यकर्ताओं को पहचानती है और उनका सम्मान करती है।
सुजानपुर से दो बार विधायक रहे राणा ने सुक्खू को लिखे अपने पत्र में कहा है, "हमने हर साल एक लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था और राज्य के युवा उस वादे के पूरा होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।"
मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में, राणा ने कहा कि पेपर लीक की घटना के बाद हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग (एचपीएसएससी) को खत्म करने के बाद परिणाम में देरी होने के कारण विभिन्न परीक्षाओं में उपस्थित होने वाले कई युवा बेचैन और अधीर महसूस कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने विभिन्न विभागों में अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रहे लगभग 5,000 युवाओं की आवाज भी उठाई थी।
उन्होंने सितंबर 2023 में बेरोजगार युवाओं के लिए नौकरी की मांग करते हुए मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा था।
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