वायनाड (केरल), 23 नवंबर: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन बृहस्पतिवार को अपने इस रुख पर कायम रहे कि डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) कार्यकर्ताओं ने काले झंडे लहराने वाले युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को उनके काफिले के रास्ते से हटाकर उनकी जान बचाई थी. उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यों की सराहना की जानी चाहिए. मुख्यमंत्री हाल में एक सरकारी कार्यक्रम 'नव केरल सदा' में शामिल होने पहुंचे थे. इस दौरान युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाए थे.
विजयन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जीवन बचाने जैसे इस तरह के कार्यों की प्रशंसा को हमलों को अंजाम देने के लिए प्रोत्साहन के रूप में कैसे माना जा सकता है. विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीसन की एक दिन पहले की गई टिप्पणी के संदर्भ में मुख्यमंत्री संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे. सतीसन ने युवा कांग्रेस (वाईसी) पर कथित हमले के संबंध में मुख्यमंत्री विजयन की टिप्पणी की बुधवार को आलोचना की थी.
विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया था कि विजयन की डीवाईएफआई कार्यकर्ताओं की गतिविधियों की प्रशंसा करने और उन्हें भविष्य में भी इसे जारी रखने के लिए कहने वाली टिप्पणी करना ‘‘दंगा भड़काने’’ के समान है. सतीसन ने विजयन को ‘अपराधी’ भी कहा था.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे (विपक्ष) बलपूर्वक दूसरे पक्ष को दबाने की कोशिश में हमेशा व्यक्तिगत हमले और दुर्व्यवहार कर रहे हैं.
डीवाईएफआई केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की युवा शाखा है.
विजयन ने मंगलवार दिये गये अपने बयान को दोहराया कि प्रदेश के कन्नूर जिले में सोमवार को वह बस के सामने बैठे थे और उन्होंने डीवाईएफआई के कार्यकर्ताओं को देखा कि वे युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को किसी तरह के नुकसान से बचाने के लिये बाहर धकेल रहे थे. जब पत्रकारों ने बताया कि पुलिस ने उस घटना के संबंध में माकपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है तो विजयन ने कहा कि उन्होंने नहीं देखा कि बाद में क्या हुआ.
विजयन ने यह भी आरोप लगाया कि युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता संभवत: अपने कुछ सदस्यों के खिलाफ मतदाता पहचान पत्र में फर्जीवाड़ा करने के हालिया आरोपों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया, ‘‘हमें इसमें और कोई कारण नजर नहीं आता है.’’ युवा कांग्रेस के हाल में हुए संगठनात्मक चुनावों के दौरान फर्जी मतदाता पहचान पत्र के कथित इस्तेमाल के संबंध में पुलिस ने मामला दर्ज किया है और जांच शुरू की है.
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