देश की खबरें | पश्चिमोत्तर और पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश से कुल कमी घटकर मात्र 3 प्रतिशत रह गयी

नयी दिल्ली, चार जुलाई पिछले कुछ दिन में पश्चिमोत्तर और पूर्वोत्तर भारत में भारी वर्षा के कारण देश में कुल मानसूनी बारिश में कमी 30 जून को 11 प्रतिशत से घटकर बृहस्पतिवार को केवल तीन प्रतिशत रह गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी।

आईएमडी ने बताया कि पश्चिमोत्तर भारत में वर्षा की कमी 30 जून को 33 प्रतिशत से घटकर बृहस्पतिवार को 14 प्रतिशत, मध्य भारत में 14 प्रतिशत से घटकर आठ प्रतिशत तथा पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 13 प्रतिशत से घटकर दो प्रतिशत हो गई है। दक्षिण भारत में अब तक मानसून में अतिरिक्त बारिश (13 प्रतिशत) दर्ज की गई है।

मौसम विभाग ने बताया कि देश के 24 प्रतिशत उप-मंडल क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा हुई, 45 प्रतिशत में सामान्य वर्षा हुई तथा 31 प्रतिशत में कम वर्षा हुई।

एक जून को चार महीने का मानसूनी मौसम शुरू होने के बाद से देश में 190.6 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हो गई है, जबकि सामान्य बारिश 196.9 मिमी होती है।

जून में 11 प्रतिशत कम बारिश हुई थी तथा देश में इस महीने में केवल 147.2 मिमी वर्षा हुई थी, जबकि सामान्यतः 165.3 मिमी वर्षा होती है, जो 2001 के बाद से (इस महीने में) सातवीं सबसे कम वर्षा थी।

केरल और पूर्वोत्तर क्षेत्र में 30 मई को समयपूर्व पहुंचने तथा महाराष्ट्र तक सामान्य रूप से आगे बढ़ने के बाद मानसून की गति धीमी पड़ गई, जिससे पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में बारिश के लिए इंतजार बढ़ गया तथा पश्चिमोत्तर भारत में भीषण गर्मी की स्थिति और खराब हो गयी।

मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगले 4-5 दिन में पश्चिमोत्तर और पूर्वी भारत में भारी बारिश जारी रहेगी। इस दौरान पूर्वोत्तर भारत में अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान है।

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