देश की खबरें | दोहरी नेतृत्व प्रणाली अब प्रभावी नहीं है, पनीरसेल्वम पार्टी समन्वयक नहीं रहे: पलानीस्वामी गुट

चेन्नई, 24 जून अन्नाद्रमुक के प्रभावशाली ई.के. पलानीस्वामी गुट (ईपीएस गुट) ने शुक्रवार को कहा कि समन्वयक ओ. पनीरसेल्वम और संयुक्त समन्वयक ई.के पलानीस्वामी को अलग-अलग शक्तियां प्रदान करने वाली दोहरी नेतृत्व प्रणाली अब प्रभावी नहीं है। एक दिन पहले अन्नाद्रमुक की आम परिषद एकल नेतृत्व की मांग पर अडिग थी।

इस कथन से यह स्पष्ट हो गया है कि ईपीएस गुट आगे बढ़ने एवं 11 जुलाई को ईपीएस को शीर्ष नेता बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जब पार्टी की निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई आम परिषद की फिर बैठक होगी।

ओ पनीरसेल्वम के समर्थक और उप सचिव आर वैद्यलिंगम ने तंजावुर में शुक्रवार को एकता एवं दोहरी नेतृत्व संरचना की वकालत की।

पार्टी के वरिष्ठ नेता और पलानीस्वामी के विश्वस्त सी.वी. षणमुगम ने कहा कि दोहरे नेतृत्व को लेकर एक दिसंबर 2021 को पार्टी उप नियमों में हुए संशोधनों को 23 जून, 2022 को हुई आम परिषद की बैठक में मंजूरी नहीं मिली है।

अन्नाद्रमुक ने ओपीएस (पनीरसेल्वम) और ईपीएस (पलानीस्वामी) का समर्थन करते हुए पिछले साल दोहरी नेतृत्व प्रणाली को बरकरार रखने और उसे मजबूती प्रदान करने के लिए उप नियमों में संशोधन किया था। उप नियमों में संशोधन के बाद पनीरसेल्वम को निर्विरोध समन्वयक और पलानीस्वामी को संयुक्त समन्वयक निर्वाचित घोषित किया गया था।

षणमुगम ने संवाददाताओं से कहा कि इस तरह के संशोधनों ने यह अनिवार्य कर दिया था कि समन्वयक और संयुक्त समन्वयक के दो शीर्ष पदों पर प्रत्याशियों का चुनाव पार्टी के प्राथमिक सदस्यों के वोट से किया जाना चाहिए।

ये संशोधन पिछले साल पार्टी मुख्यालय में हुई कार्यकारिणी समिति की बैठक में एक प्रस्ताव को स्वीकार कर लागू किए गए थे

षणमुगम ने कहा कि चूंकि पार्टी के दो शीर्ष पदों से संबंधित इन संशोधनों को बृहस्पतिवार को आम परिषद की तरफ से मान्यता और समर्थन नहीं मिला, इसलिए ये शीर्ष दो पद अब समाप्त हो गए हैं। लिहाजा पनीरसेल्वम अब समन्वयक और पलानीस्वामी संयुक्त-समन्वयक नहीं हैं। उनके अनुसार, ऐसे में पार्टी उपनियमों के अनुसार पदाधिकारी पार्टी को संचालित करेंगे।

राज्य के पूर्व कानून मंत्री षणमुगम ने पार्टी की नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि दोनों अपने-अपने अन्य पदों पनीरसेल्वम (कोषाध्यक्ष) और पलानीस्वामी (मुख्यालय सचिव) पर बने रहेंगे।

षणमुगम ने अंदरूनी कलह लेकर अन्नाद्रमुक का मजाक उड़ाने पर मुख्यमंत्री एवं द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन पर निशाना साधा और कहा कि ऐसे मतभेद सभी दलों में होते हैं।

उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक लोकतांत्रिक दल है, जबकि द्रमुक वंशवादी राजनीति करती है।

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