नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीतियों के दस्तावेज का नया संस्करण जारी किया। इसमें पिछले एक साल में नीति में किये गये बदलावों को शामिल किया गया है।
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के अनुसार नया परिपत्र 15 अक्टूबर से प्रभाव में आ गया है।
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एकीकृत नीति दस्तावेज में सरकार के विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई को लेकर किये गये नये फैसलों को शामिल किया गया है।
डीपीआईआईटी विदेशी निवेश से संबंधित सभी नीतियों को एक साथ मिलाकर दस्तावेज का रूप देता है। इसका मकसद निवेशकों के लिये चीजों को आसान बनाना है ताकि वे असानी से नीतियों को समझ सके।
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ऐसा नहीं होने पर निवेशकों को नीति को समझने के लिये विभाग द्वारा जारी विभिन्न प्रेस नोट और आरबीआई के नियमों को को देखना पड़ता है।
इस पूरे अभियान का मकसद विदेशी निवेशकों को निवेश अनुकूल माहौल उपलब्ध कराना और फलत: आर्थिक वृद्धि तथा रोजगार सृजित करने के लिये अधिक एफडीआई आकर्षित करना है।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त के दौरान एफडीआई 16 प्रतिशत बढ़कर 27.1 अरब डॉलर रहा है।
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