हमारे साथ समन्वय किए बिना सीमा चौकियों की ओर न बढ़ें- यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कहा

रूसी सेना के यूक्रेन की राजधानी कीव और अन्य अहम शहरों की ओर बढ़ने पर भारत ने शनिवार को यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों से हर वक्त अत्यधिक सावधानी बरतने और देश से बाहर निकलने के लिए उसके अधिकारियों के साथ समन्वय के बिना किसी भी सीमा चौकी की ओर न बढ़ने को कहा है.

यूक्रेन में रूस का सैन्य अभियान शुरू (Photo Credits: Twitter)

नयी दिल्ली, 26 फरवरी : रूसी सेना के यूक्रेन की राजधानी कीव और अन्य अहम शहरों की ओर बढ़ने पर भारत ने शनिवार को यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों से हर वक्त अत्यधिक सावधानी बरतने और देश से बाहर निकलने के लिए उसके अधिकारियों के साथ समन्वय के बिना किसी भी सीमा चौकी की ओर न बढ़ने को कहा है. यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने वहां के कई शहरों पर रूस के हमलों तथा राजधानी कीव के आसपास भीषण लड़ाई की खबरों के मद्देनजर ताजा परामर्श जारी किया है. राजधानी कीव समेत यूक्रेन के कई हिस्से गोलीबारी, बमबारी और मिसाइल हमलों से दहल उठे हैं. दूतावास ने खास तौर से यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में रह रहे नागरिकों को अपने मौजूदा निवास स्थान पर रहने और जितना संभव हो घरों या आश्रय स्थलों के भीतर रहने की सलाह दी है.

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बृहस्पतिवार को कहा था कि यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय रहते हैं और उनमें से करीब 4,000 पिछले कुछ दिनों में भारत लौटे हैं. दूतावास ने कहा, ‘‘अभी पूर्वी सेक्टर में रह रहे सभी लोगों से अगले आदेश तक अपने निवास स्थान पर ही शांतिपूर्वक रहने तथा जो भी भोजन, पानी और सुविधाएं उपलब्ध हो उनके साथ ही घरों या आश्रय स्थलों के भीतर रहने व धैर्य रखने का अनुरोध किया जाता है.’’ उसने कहा, ‘‘अनावश्यक गतिविधि से बचें. हम एक बार फिर आपको याद दिला दें कि हर समय अत्यधिक सावधानी बरतें, अपने आसपास और हाल के घटनाक्रम को लेकर सतर्क रहे.’’ उसने सभी भारतीय नागरिकों से भारतीय अधिकारियों के साथ समन्वय किए बिना किसी भी सीमा की ओर न बढ़ने को भी कहा है.

दूतावास ने कहा, ‘‘यूक्रेन में सभी भारतीय नागरिकों को सीमा चौकियों (स्थापित हेल्पलाइन नंबर) और कीव में भारत के दूतावास के आपात नंबरों पर भारत सरकार के अधिकारियों के साथ समन्वय के बिना किसी भी सीमा चौकी की ओर न जाने की सलाह दी जाती है.’’ उसने कहा कि कई जांच चौकियों पर स्थिति संवेदनशील है और भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए हम पड़ोसी देशों में हमारे दूतावासों के साथ काम कर रहे हैं. दूतावास ने परामर्श में कहा, ‘‘हमारे लिए उन भारतीयों को निकालना मुश्किल हो रहा है जो बिना सूचना दिए सीमा जांच चौकियों पर पहुंच गए हैं.’’ उसने कहा कि पश्चिमी यूक्रेन के शहरों में रह रहे लोग अपेक्षाकृत ‘‘सुरक्षित’’ माहौल में है और उनके पास बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं. उसने कहा, ‘‘कृपया ध्यान दें कि पानी, भोजन, आवास और बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच के साथ यूक्रेन के पश्चिमी शहरों में रहना स्थिति से पूरी तरह अवगत हुए बिना सीमा जांच चौकियों पर पहुंचने के मुकाबले अधिक सुरक्षित है.’’ यह भी पढ़ें : Russia-Ukraine War: पुतिन करेंगे दुनिया पर राज, बंजर जमीन में बदल जाएगा यूरोप, क्या सच हो रही है बाबा वेंगा की भविष्यवाणी!

भारत ने मुश्किल जमीनी हालात के बावजूद शुक्रवार को पश्चिमी यूक्रेन में लीव तथा चेर्निवत्सी शहरों में शिविर कार्यालय स्थापित किए ताकि भारतीयों को हंगरी, रोमानिया और पोलैंड ले जाया जा सके. भारत ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों का निकालने के लिए पश्चिमी शहर क्राकोविक के साथ ही हंगरी में जहोनी सीमा चौकी, पोलैंड में शेयनी-मेदिका सीमा चौकियों, स्लोवाक गणराज्य में विसने नेमेके तथा रोमानिया में सुकीवा पारगमन चौकी पर अधिकारियों का दल तैनात किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार शाम को बताया कि यूक्रेन से लाए गए लोगों का पहला दस्ता सुकीविया सीमा के जरिए रोमानिया पहुंच गया है और अब भारतीय अधिकारी भारत लाने के लिए उन्हें बुखारेस्ट लेकर जाएंगे. भारत हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया के साथ लगती यूक्रेन की जमीनी सीमा के जरिए अपने नागरिकों को निकालने का प्रयास कर रहा है क्योंकि यूक्रेन सरकार ने रूसी सेना के आक्रमण के बाद अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है. ऐसी जानकारी है कि रोमानिया, पोलैंड, हंगरी और स्लोवाकिया में भारतीयों को प्रवेश कराने के लिए वीजा का बंदोबस्त करना इन देशों में भारतीय अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. इन चारों देशों में भारतीयों के प्रवेश के लिए कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र की आवश्यकता भी एक और समस्या है.

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