नयी दिल्ली, 18 अगस्त कोलकाता में एक डॉक्टर से बलात्कार और हत्या की घटना के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में अनिश्चितकालीन प्रदर्शन का रविवार को एक सप्ताह पूरा हो गया जिससे सेवाएं बाधित हो रही हैं और मरीज प्रभावित हो रहे हैं।
दिल्ली रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के सदस्यों ने रविवार शाम राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर एक के बाहर ‘कैंडल मार्च’ निकालने का फैसला किया है।
गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल आरडीए की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘जैसा कि आज की आम सभा की बैठक में अनुमोदित किया गया है, दिल्ली के सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों के डॉक्टर कनॉट प्लेस में कैंडल मार्च के लिए एकत्रित होंगे।’’
बयान में कहा गया, ‘‘हम राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर एक पर तीन-चार के समूहों में इकट्ठा होंगे, मानव श्रृंखला बनाएंगे और आर जी कर मेडिकल कॉलेज, कोलकाता में हुई दुखद घटना के खिलाफ इनर सर्कल पर मोमबत्तियां जलाएंगे।’’
डॉक्टरों की सोमवार से शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल का यह सातवां दिन है। निजी और सरकारी दोनों अस्पताल इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। वे पीड़ित परिवार के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं और डॉक्टरों के लिए सुरक्षा अधिनियम की मांग कर रहे हैं।
इस बीच, केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम के लिए कार्य समिति ने रविवार को एक बैठक के बाद स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए अनसुलझी सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए हड़ताल जारी रखने की घोषणा की।
यह निर्णय कोलकाता में सरकारी आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुई दुखद घटना के बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से मिले अपर्याप्त आश्वासन के बाद लिया गया है।
मंत्रालय ने 17 अगस्त को एक नोटिस जारी कर सुरक्षा उपाय सुझाने के लिए एक समिति के गठन का वादा किया था। इस पर डॉक्टरों के संगठन ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि पिछली समितियां महत्वपूर्ण परिणाम देने में विफल रही हैं।
डॉक्टरों के संगठन ने कहा कि हड़ताल से सभी शैक्षणिक गतिविधियां, बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी), वार्ड सेवाएं और वैकल्पिक सर्जरी प्रभावित होंगी। हालांकि, गहन चिकित्सा इकाइयों (आईसीयू), आपातकालीन प्रक्रियाओं और आपातकालीन सर्जरी सहित आवश्यक आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी।
केंद्र द्वारा संचालित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), सफदरजंग अस्पताल और राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल सहित दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में ओपीडी और डायग्नोस्टिक्स समेत गैर-आपातकालीन सेवाएं सोमवार से प्रभावित हैं।
मरीजों की असुविधा तब और बढ़ गई जब सर गंगा राम, फोर्टिस और अपोलो जैसे निजी संस्थानों के कर्मचारी भी रविवार को विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए, जिसके बाद डॉक्टरों के शीर्ष संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने 24 घंटे के लिए देश भर में गैर-आपातकालीन सेवाएं बंद करने का आह्वान किया।
एम्स दिल्ली आरडीए के एक पोस्ट के अनुसार, 15 अगस्त को दिल्ली के आरडीए ने एक बैठक बुलाई और केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम के लिए एक कार्य समिति का गठन किया।
समिति में एम्स, आरएमएल, सफदरजंग अस्पताल, जीटीबी अस्पताल, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के सदस्य शामिल हैं।
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