मुंबई, 17 अगस्त महाराष्ट्र में शनिवार को स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं, क्योंकि निजी चिकित्सक भी आईएमए के आह्वान पर सरकारी रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ हड़ताल में शामिल हो गए और विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
कोलकाता में डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना के विरोध में सरकारी चिकित्सक 13 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) के अनुसार, आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर, वैकल्पिक सेवाएं जैसे बाह्य रोगी विभाग, नियोजित सर्जरी और प्रयोगशाला से जुड़ी सेवाएं प्रभावित हुईं।
कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को एक स्नातकोत्तर महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए महाराष्ट्र के रेजिडेंट डॉक्टरों ने मंगलवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी।
केंद्रीय-एमएआरडी ने कोलकाता की घटना की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच, केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा संरक्षण अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए एक विशेषज्ञ समिति का शीघ्र गठन, सीसीटीवी सुविधा और अच्छी तरह से सुसज्जित गार्ड, गुणवत्ता वाले छात्रावास सहित बेहतर सुरक्षा उपाय की मांग की है।
महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (सेंट्रल-एमएआरडी) के अध्यक्ष प्रतीक देबाजे ने कहा कि प्रतिनिधियों ने नागपुर में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और कोल्हापुर में चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ से मुलाकात की और अपनी मांगें रखीं।
आईएमए के उपाध्यक्ष शिवकुमार उत्तुरे ने कहा कि महाराष्ट्र में निजी अस्पतालों के डॉक्टरों और अस्पतालों ने सुबह करीब छह बजे 24 घंटे का विरोध प्रदर्शन शुरू किया। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक सेवाएं निलंबित कर दी गईं, जबकि आपातकालीन सेवाएं जारी रहीं।
अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ (एआईडीडब्ल्यूए) के सदस्यों ने कोलकाता की पीड़ित डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए मुंबई में विरोध प्रदर्शन किया।
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