ताजा खबरें | रास में द्रमुक ने दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों की संख्या बढ़ाने की मांग की

नयी दिल्ली, 21 दिसंबर राज्यसभा में बुधवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रविड़) के एक सदस्य ने दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों की संख्या बढ़ाने और पहले से ही अनुबंध पर काम कर रहे ऐसे शिक्षकों का वेतन बढ़ाने की मांग की।

शिवा ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चों ने समय-समय पर अपनी मेधा साबित की है और शिक्षा का अधिकार कानून में भी सबके लिए शिक्षा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों के लिए भी कानून हैं लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे मुख्य धारा के स्कूलों में औपचारिक शिक्षा से वंचित हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में 78 लाख 64 हजार दिव्यांग छात्र हैं और यूनेस्को की एक रिपोर्ट के अनुसार 12 फीसदी दिव्यांग छात्रों ने बीच में पढ़ाई छोड़ दी जबकि ऐसे 27 फीसदी बच्चे कभी स्कूल गए ही नहीं। उन्होंने कहा कि इसकी मुख्य वजह उन विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों का अभाव है जो ऐसे बच्चों को पढ़ा सकें।

शिवा ने कहा कि मुख्य धारा के स्कूलों में विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी है और सामान्य शिक्षकों के बारे में कहा जाता है कि वे ऐसे बच्चों पर समुचित ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों की जरूरत होती है इसलिए ऐसे शिक्षक तैयार किए जाने चाहिए।

शिवा ने यह भी मांग की कि मुख्य धारा के स्कूलों में काम कर रहे ऐसे विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों का वेतन बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऐसे शिक्षकों का वेतन बहुत ही कम है। उन्होंने कहा कि अनुबंध पर काम कर रहे, विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों का वेतन भी बढ़ाया जाना चाहिए।

शून्यकाल में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़ा मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा ‘‘ जीएसटी लाते समय कहा गया था कि अब कई तरह के कर नहीं देने होंगे। लेकिन ऐसा नहीं है। महंगाई के साथ-साथ कर भी बढ़ रहे हैं। आपने ‘‘एक देश, एक कर’’ की बात कही थी लेकिन हकीकत में यह ‘‘एक देश, कई तरह के कर’’ वाली बात है।’’

उन्होंने कहा ‘‘किसी उत्पाद पर दो प्रतिशत, किसी पर पांच प्रतिशत, किसी पर 18 प्रतिशत तो किसी पर 28 प्रतिशत कर लगाया गया है। रोटी पर पांच प्रतिशत और पराठे पर 18 प्रतिशत कर है... यह कैसी कर व्यवस्था है। इतने अधिक कर की वजह से पेट्रोल-डीजल बहुत महंगा हो गया तथा हर चीज महंगी हो गई जिससे आम आदमी का जीना दूभर हो गया है।’’

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कर नहीं देने के आरोप में व्यापारियों के खिलाफ छापे भी डाले गए हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जुगलसिंह लोखंडवाला ने कहा कि विभिन्न राज्यों में बावड़ी, मंदिर, तालाब जैसे पुराने स्मारक हैं जिनका समुचित रखरखाव नहीं हो पा रहा है। उन्होंने मांग की कि हर राज्य में एक-एक ऐसे विश्वविद्यालय बनाए जाने चाहिए जो इन स्मारकों का पुनर्विकास करें।

भाजपा की ही दर्शना सिंह ने 19 नवंबर से 16 दिसंबर के बीच आयोजित तमिल संगमम का जिक्र करते हुए मांग की कि भविष्य में सांस्कृतिक समरसता को बढ़ाने वाले इस तरह के आयोजन और किए जाएं। इसी पार्टी की सीमा द्विवेदी ने बुजुर्गों के स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा उठाया।

द्रमुक सदस्य पी विल्सन ने तमिलनाडु के हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से पर्यटन और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और यात्रियों को भी अधिक सुविधा मिलेगी।

शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार, कांग्रेस के जी. सी. चंद्रशेखर तथा भाजपा की डॉ कल्पना सैनी ने भी लोक महत्व से जुड़े अपने-अपने मु्द्दे उठाए।

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