मुंबई,14 मई मुंबई के धारावी में कोरोना वायरस संक्रमण भले ही देर से पहुंचा हो, लेकिन 45 दिनों से भी कम समय में कोविड-19 के 1,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और इस महामारी से 40 लोगों की मौत हो चुकी है।
एशिया की इस सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती में कोविड-19 से जुड़े ये आंकड़े यहां इस महामारी के फैलने की रफ्तार की ओर इशारा करते हैं।
बुधवार को संक्रमण के 66 नये मामले सामने के साथ धारावी में कुल मामले बढ़ कर 1,028 हो गये।
धारावी के डॉ. बलीगा नगर में एक अप्रैल को कोविड-19 संक्रमण के प्रथम मामले की पुष्टि हुई थी और यह महानगर प्रशासन के लिये खतरे की घंटी के समान थी।
हालांकि, शुरूआती पखवाड़े में धारावी में संक्रमण के प्रसार की दर कुछ धीमी रही और संक्रमण के लगभग 100 मामले ही सामने आये थे। लेकिन तीन मई तक यह आंकड़ा 500 की संख्या को पार कर गया।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के छह मई तक के आंकड़ों के मुताबिक धारावी में संक्रमण के दोगुनी होने की अवधि छह दिन है और यहां के ज्यादातर कोविड-19 मरीज 31 से 40 वर्ष आयु वर्ग समूह के हैं।
धारावी की आबादी करीब 6.5 लाख है। यहां का जनसंख्या घनत्व 2,27,136 है।
बीएमसी सूत्रों के मुताबिक नगर निकाय 213 निरूद्ध क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं और दवाइयों की आपूर्ति कर रहा है।
धारावी पुनर्विकास समिति के प्रमुख राजू कोरदे ने कहा कि उपयुक्त स्वच्छता सुविधाओं के अभाव और कमरों में अधिक संख्या में लोगों का रहना इलाके में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने का मुख्य कारण है।
कोरदे ने कहा, ‘‘धारावी में छोटे-छोटे कमरे हैं और तंग गलियां हैं। इसलिए, यदि बीएमसी निरूद्ध क्षेत्र बनाती भी है तो दो गज दूरी के नियमों का पालन करना असंभव है।’’
नगर निकाय अधिकारियों के मुताबिक धारावी में 225 सामुदायिक शौचालय, 100 सार्वजनिक शौचालय और महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित 125 शौचालय हैं।
बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘चूंकि सैकड़ों लोग इलाके में साझा शौचालय का इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा अधिक है। यही कारण है कि इन स्थानों को नियमित रूप से साफ सुथरा करने की जरूरत है।’’
धारावी में नगर निगम के नौ दवाखाने हैं। इसके अलावा करीब 50 निजी क्लीनिक भी हैं।
बीएमसी के आंकड़ों के मुताबिक धारावी के अत्यधिक जोखिम वाले क्षेत्र के कुल 47,500 बाशिंदों की और निरूद्ध क्षेत्रों के सवा लाख बाशिंदों की अब तक जांच की गई है।
आंकड़ों के मुताबिक 24 चिकित्सकों की मदद से करीब चार लाख धारावी वासियों की जांच की गई है।
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