नई दिल्ली, 8 अगस्त: विमानन नियामक डीजीसीए (DCGA) ने कोझिकोड हवाईअड्डे के कई स्थानों पर सुरक्षा संबंधी विभिन्न बड़ी त्रुटियां पाए जाने के बाद पिछले साल 11 जुलाई को हवाईअड्डा निदेशक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. नागर विमानन महानिदेशालय ने रनवे पर दरारें होने, पानी रुकने और अत्यधिक रबड़ एकत्र होने समेत कई खामियों का कारण बताओ नोटिस में जिक्र किया था. सऊदी अरब के दम्माम से आए एअर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) के विमान का पिछला हिस्सा पिछले साल दो जुलाई को कोझिकोड हवाईअड्डे पर उतरते समय रनवे से टकरा गया था. इस हादसे के बाद डीजीसीए ने निरीक्षण किया था.
इसके करीब एक साल बाद शुक्रवार शाम को भी एअर इंडिया एक्सप्रेस का दुबई से आया विमान भारी बारिश के कारण कालीकट हवाईअड्डे पर रनवे से फिसलकर खाई में गिरने के बाद दो टुकड़ों में टूट गया था. इस हादसे में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई. डीजीसीए के एक अधिकारी ने कहा, "पिछले साल दो जुलाई के हादसे के बाद डीजीसीए ने चार और पांच जुलाई को हवाईअड्डे का निरीक्षण किया था और उसे सुरक्षा संबंधी कई बड़ी त्रुटियां मिली थीं."
डीजीसीए के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कोझिकोड हवाईअड्डा निदेशक के श्रीनिवास राव को 11 जुलाई को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था. नोटिस की प्रति ‘पीटीआई’ के पास है. यह पूछे जाने पर कि नोटिस के बाद क्या राव के खिलाफ कोई कदम उठाया गया था, उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी (राव) को फटकार लगाई गई थी.
नोटिस में कहा गया था कि रनवे 28 टीडीजेड और रनवे 10 टीडीजेड में दरारें देखी गई थीं. टीडीजेड वह क्षेत्र होता है, जिससे विमान नीचे उतरते समय सबसे पहले संपर्क में आता है. नोटिस में पानी रुकने और अत्यधिक रबड़ एकत्र होने समेत कई खामियों का जिक्र किया गया था.
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