नयी दिल्ली, 30 मई दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चिकित्सा आधार पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध किया है।
आतिशी ने ईडी के रुख पर सवाल उठाते हुए पूछा कि एजेंसी क्यों नहीं चाहती कि केजरीवाल चिकित्सकों द्वारा सुझाए गए चिकित्सा परीक्षण कराएं।
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ईडी की हिरासत और न्यायिक हिरासत में रहते हुए केजरीवाल का वजन अचानक से और बिना कारण के कम हुआ है।
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आतिशी के दावे पर पलटवार करते हुए पूछा कि अगर केजरीवाल अस्वस्थ हैं तो दिल्ली और पंजाब में इतनी भीषण गर्मी में प्रचार कैसे कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान देकर आम आदमी पार्टी (आप)न्यायपालिका पर भी आक्षेप लगा रही है।
आतिशी ने कहा, ‘‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राउज एवेन्यू अदालत में सात दिन की अंतरिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है। उन्होंने स्वास्थ्य जांच के लिए जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग की है, क्योंकि ईडी की हिरासत के दौरान उनका वजन 6-7 किलोग्राम कम हो गया। अचानक और बिना किसी कारण के वजन कम होना कई गंभीर बीमारियों का संकेत है। इतना ही नहीं, उनका कीटोन भी गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। उनका शर्करा स्तर लगातार बढ़ रहा है।’’
उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल के चिकित्सकों ने उन्हें कैंसर, गुर्दे की बीमारियों और हृदय संबंधी रोगों से जुड़ी जांच कराने की सलाह दी है।
आतिशी ने कहा, ‘‘ईडी अंतरिम जमानत अर्जी का विरोध क्यों कर रही है? भाजपा इसका विरोध क्यों कर रही है? मैं भाजपा और ईडी से पूछना चाहती हूं कि आप केजरीवाल की जांच का विरोध क्यों कर रहे हैं?’’
दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में नियमित जमानत की केजरीवाल की अर्जी पर बृहस्पतिवार को ईडी को नोटिस जारी किया।
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने केंद्रीय जांच एजेंसी को शनिवार तक केजरीवाल की याचिका पर जवाब देने को कहा।
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