संसद में महिलाओं के आरक्षण के लिए विधेयक लाने से पहले विचार-विमर्श जरूरी: सरकार

सरकार ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के विषय पर विधेयक लाने के लिए सावधानी पूर्वक विचार-विमर्श जरूरी है.

महिलाएं/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Facebook)

नयी दिल्ली, 28 जुलाई : सरकार ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के विषय पर विधेयक लाने के लिए सावधानी पूर्वक विचार-विमर्श जरूरी है. केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सदन में यह बात कही.

द्रमुक सदस्य कनिमोई ने प्रश्न किया था कि क्या सरकार का संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए महिला प्रतिनिधित्व विधेयक लाने का कोई विचार है? यह भी पढ़ें : Covishield, Covaxin और Sputnik के ट्रायल में भाग लेने वालों को अब मिलेगा वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट, स्वास्थ्य मंत्रालय ने मांगे नाम

रीजीजू ने अपने लिखित उत्तर में कहा, ‘‘लैंगिक न्याय सरकार के लिए महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता है. इस विषय पर संविधान में संशोधन के लिए संसद में विधेयक लाने से पहले सभी राजनीतिक दलों के बीच आम-सहमति के आधार पर सावधानी पूर्वक विचार-विमर्श जरूरी है.’’ संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए विधेयक लाने की मांग लंबे समय से चल रही है.

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