देश की खबरें | दिल्ली दंगे: आरोपी को जमानत देते हुए न्यायाधीश ने काव्यात्मक अंदाज में फैसला लिखा
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, सात नवंबर उत्तर पूर्वी दिल्ली में इस वर्ष फरवरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में एक व्यक्ति को जमानत देते हुए न्यायाधीश ने शुक्रवार को काव्यात्मक अंदाज में व्यवस्था दी। उन्होंने आदेश में लिखा, ‘‘अपने पिंजरे से आजादी पाओ; लेकिन जब तक सुनवाई पूरी नहीं होती तब तक सरकार के नियंत्रण में हो।’’

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने राहुल नाम के एक युवक के कथित तौर पर गोली लगने से घायल होने के मामले में बाबू नामक व्यक्ति को 10,000 रूपये की जमानत राशि और इतनी ही राशि की मुचलके पर राहत दी।

यह भी पढ़े | Bihar Exit Polls 2020: बिहार की सत्ता के लिए NDA और महागठबंधन में कड़ा मुकाबला, नीतीश कुमार पर भारी पड़ेंगे तेजस्वी यादव- चिराग पासवान का ऐसा होगा हाल.

न्यायाधीश ने बड़े ही अनोखे अंदाज में लिखे आदेश में कहा, ‘‘सरकार कहती है कि केक लीजिए और खाइए भी। वहीं अदालत कहती है कि केक खाने से पहले उसे पकाइये भी।’’

अदालत ने कहा कि घायल राहुल ने अपने चिकित्सा-कानूनी रिकॉर्ड में कथित तौर पर फर्जी पता दिया था और पुलिस उसका बयान दर्ज कर पाती उससे पहले ही वह गायब हो गया।

यह भी पढ़े | दिल्ली में इस साल डेंगू से एक भी व्यक्ति की नहीं गई जान, CM केजरीवाल ने दिल्लीवासियों को सक्रिय भागीदारी के लिए बधाई दी.

बाबू के वकील ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि सह-आरोपी इमरान को पहले ही जमानत पर छोड़ा जा चुका है।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इस आवेदन में दम है। मैं अलग तरह से आदेश सुना रहा हूं।’’

उसके बाद उन्होंने अंग्रेजी में काव्यात्मक अंदाज में अनेक पंक्तियों में आदेश लिखा।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)