नयी दिल्ली, 25 जुलाई उत्तर-पूर्वी दिल्ली में वर्ष 2020 के दंगों के एक मामले में आरोपी को जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि उसकी पिछली जमानत याचिका खारिज होने के बाद से परिस्थितियों में काफी बदलाव आया है।
अदालत ने यह भी कहा कि आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है और दो सह-आरोपियों को पहले ही राहत मिल चुकी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) पुलस्त्य प्रमाचला ने आरोपी फूल बाबू की जमानत याचिका पर सुनवाई की जिसके खिलाफ शास्त्री पार्क थाने में मामला दर्ज किया गया था।
अदालत ने कहा कि आरोपी की पिछली जमानत याचिका 16 जून को कई आधार पर खारिज कर दी गई थी क्योंकि जांच प्रारंभिक चरण में थी और उसकी रिहाई से जांच पर हानिकारक प्रभाव पड़ने की आशंका थी।
एएसजे प्रमाचला ने सोमवार को पारित एक आदेश में कहा, ‘‘मेरी राय में जांच पूरी होने के परिणामस्वरूप आरोप पत्र दाखिल करना एक महत्वपूर्ण बदलाव है...यह नहीं माना जा सकता है कि याचिकाकर्ता उन शेष रिपोर्ट को प्रभावित कर सकता है जो जांच अधिकारी को प्राप्त होनी है।’’
जांच अधिकारी ने अदालत को सूचित किया था कि उन्हें अभी तक फॉरेंसिक रिपोर्ट, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) और घायल होने के संबंध में एक रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। अदालत ने यह भी कहा कि मामले में दो अन्य आरोपी पहले से ही जमानत पर हैं, इस तरह समान आधार पर जमानत देने का मामला बनता है।
अदालत ने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में, याचिका मंजूर की जाती है। याचिकाकर्ता या आरोपी फूल बाबू को 10,000 रुपये के व्यक्तिगत बॉण्ड और जमानत बॉण्ड तथा इतनी ही राशि के मुचलके पर जमानत दी जाती है।’’
इसके साथ ही, आरोपी को देश से बाहर नहीं जाने, अपना मोबाइल फोन नंबर उपलब्ध कराने, पते या किसी विवरण में बदलाव के मामले में अदालत को सूचित करने और किसी भी गवाह को प्रभावित करने के प्रयास से दूर रहने को कहा गया है।
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