नयी दिल्ली, तीन दिसंबर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगे से जुड़े एक मामले में यहां की एक अदालत ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद और यूनाइटेड अगेंस्ट हेट (एजीएच) के संस्थापक खालिद सैफी को आरोपमुक्त कर दिया है।
कांस्टेबल संग्राम सिंह के बयान के आधार पर इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। सिंह ने कहा था कि 24 फरवरी, 2020 को मेन करावल नगर रोड पर दंगाई भीड़ ने पथराव किया था और नजदीक के एक पार्किंग स्थल पर वाहनों में आग लगा दी थी।
विशेष सरकारी वकील मधुकर पांडे ने इस बात की पुष्टि की है कि उमर खालिद और खालिद सैफी को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रामचाला की अदालत ने इस मामले में आरोपमुक्त कर दिया है। विषय में विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है।
उमर खालिद कई अन्य मामलों में आरोपी है और वह दंगे के पीछे की बड़ी साजिश के सिलसिले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपों का सामना कर रहा है। ये विषय अदालत में लंबित हैं।
करावल नगर थाने ने दंगा फैलाने, आपराधिक साजिश रचने समेत भारतीय दंड संहिता के कई प्रावधानों, शस्त्र कानून और सरकारी संपत्ति नुकसान रोकथाम अधिनियम की धाराओं के तहत इन दोनों आरोपियों तथा अन्य के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी।
बाद में, इस मामले की जांच अपराध शाखा को हस्तांतरित कर दी गयी थी।
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