नयी दिल्ली, 2 जनवरी : दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने अप्रैल, 2015 से 20 नवंबर, 2024 के बीच पर्यावरण क्षति से जुड़े जुर्माने के रूप में 112 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वसूल की. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, पर्यावरण क्षतिपूर्ति (ईसी) पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक नीतिगत साधन है और यह ‘‘प्रदूषणकर्ता द्वारा भुगतान किए जाने’’ के सिद्धांत पर काम करता है. दूसरे शब्दों में, पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया गया और उसका उपयोग पुनरुद्धार के लिए किया गया.
समिति ने 26 दिसंबर की एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘डीपीसीसी ने अप्रैल 2015 से 20 नवंबर 2024 तक पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में 112.08 करोड़ रुपये वसूले हैं और इस राशि में से अब तक 36.05 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया है.’’ उपयोग का विवरण देते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे अधिक राशि लगभग 10.11 करोड़ रुपये सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियों पर खर्च की गई. यह भी पढ़ें : बिहार: तापमान में गिरावट जारी, पटना में विद्यालयों का समय बदला गया
डीपीसीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 से अब तक सबसे अधिक राशि लगभग 18.84 करोड़ रुपये वायु प्रदूषण फैलाने वालों और 18.60 करोड़ रुपये निर्माण गतिविधियां करने वालों से एकत्र की गई. इसके बाद चिकित्सा प्रतिष्ठानों (17.68 करोड़ रुपये) और पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन करने वाले होटलों (13 करोड़ रुपये) का स्थान रहा. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्लास्टिक बैग का उपयोग करने वालों से लगभग 2.11 करोड़ रुपये वसूले गए.