नयी दिल्ली, 23 दिसंबर राष्ट्रीय राजधानी के विद्यालयों को लगातार मिल रही बम की धमकियों से स्कूल प्राधिकारियों में दहशत भाव है और इसलिए दिल्ली पुलिस ने सोमवार को शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों को ऐसे संकट से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने शिक्षा विभाग के सहयोग से सभी सरकारी और निजी विद्यालयों के शिक्षकों के लिए एक संगोष्ठी का आयोजन किया।
पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) प्रशांत गौतम ने बताया, ‘‘इस संगोष्ठी का मुख्य विषय विद्यालयों में बम की धमकी के दौरान कैसे शांत रहें, कैसे प्रतिक्रिया दें और पुलिस के साथ कैसे समन्वय स्थापित करें था।’’
प्रशिक्षण सत्र में साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता को भी शामिल किया गया। दिल्ली में पिछले 10 दिनों में कई विद्यालयों में बम की झूठी धमकियां मिली हैं। इन धमकियों के कारण कक्षाएं बाधित हुईं और कई एजेंसियों ने तलाशी अभियान चलाया।
दिल्ली पुलिस ने दिल्ली शिक्षा विभाग के सहयोग से शिक्षकों के लिए यह व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।
डीसीपी ने कहा, ‘‘यह पहल दिल्ली के उपराज्यपाल के संवाद कार्यक्रम का विस्तार है, जिसका उद्देश्य शिक्षकों को बम की धमकियों, ‘साइबर हाइजीन’ और मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में संवेदनशील बनाना है।’’
‘साइबर हाइजीन’ से तात्पर्य उन एहतियाती उपायों और प्रक्रियाओं से है जिनका इस्तेमाल व्यक्ति और संगठन अपनी प्रणाली, उपकरण, नेटवर्क और डेटा की सुरक्षा के लिए करते हैं। ‘साइबर हाइजीन’ का मुख्य लक्ष्य संवेदनशील डेटा को सुरक्षित रखना और साइबर हमलों व चोरी से बचाना है।
गौतम ने बताया कि इस कार्यक्रम में यमुना पार क्षेत्र के सरकारी और निजी विद्यालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 247 शिक्षक शामिल हुए और अपराध शाखा के डीसीपी संजय सैन भी वक्ताओं में शामिल थे।
पुलिस ने बताया कि कार्यक्रम में बम की धमकी से निपटने के प्रोटोकॉल पर विशेष सत्र आयोजित किए गए तथा शिक्षकों को आपात स्थिति के दौरान निकासी प्रक्रियाओं और संचार का प्रबंधन करने का ज्ञान दिया गया।
कार्यक्रम के दौरान साइबर अपराध विशेषज्ञ एसीपी प्रभात सिन्हा (सेवानिवृत्त) द्वारा ‘साइबर हाइजीन’ पर एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी गई।
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