नयी दिल्ली, 13 नवंबर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा बुधवार को जारी नवीनतम आंकड़ों में सामने आया कि इस वर्ष एक जनवरी से 12 नवंबर के बीच दिल्ली का वार्षिक औसत पीएम10 और पीएम2.5 का स्तर पिछले साल की समान अवधि की तुलना में क्रमश: पांत प्रतिशत और सात प्रतिशत अधिक रहा। सीपीसीबी के मुताबिक, एक जनवरी से 12 नवंबर के बीच राष्ट्रीय राजधानी में 116 दिन ऐसे रहे जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘खराब’, ‘बहुत खराब’ या ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
आंकड़ों में सामने आया कि 201 दिन एक्यूआई ‘अच्छा’, ‘संतोषजनक’ या ‘मध्यम’ श्रेणी में रहा।
दिल्ली में पिछले साल 110 दिन वायु गुणवत्ता ‘खराब’ और 206 दिन ‘अच्छी’, ‘संतोषजनक’ और ‘मध्यम’ श्रेणी में रही।
राष्ट्रीय राजधानी में वर्ष 2022 में 156 दिन वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गयी जबकि 2021 में 119 और 2020 में 93 दिन एक्यूआई इस श्रेणी में दर्ज किया गया था।
हालांकि, 2020 में लॉकडाउन के कारण प्रदूषण का स्तर कम रहा था। गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मंगलवार को वायु गुणवत्ता ‘खराब’ रही थी। वहीं फरीदाबाद में एक्यूआई ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
दिल्ली में मंगलवार को एक्यूआई 334 पर पहुंच गया था, जो पिछले वर्ष इस दिन रहे 218 एक्यूआई से काफी ज्यादा है। दिल्ली में बुधवार को पूरे देश के मुकाबले सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई। राजधानी में इन दिनों में पहली बार एक्यूआई बढ़कर 418 हो गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
सीपीसीबी के मुताबिक, दिल्ली के 36 निगरानी केंद्रों में से 30 ने वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ करार दिया।
इस साल पीएम10 का औसत 193.25 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है, जो पिछले वर्ष के 184.25 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा है।
वहीं इस वर्ष पीएम 2.5 का औसत स्तर 2023 में 82.75 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से बढ़कर 88.22 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)