दिल्ली उच्च न्यायालय ने कश्मीरी कारोबारी वटाली की जमानत याचिका खारिज की
दिल्ली हाईकोर्ट (Photo Credits: PTI)

नयी दिल्ली, 23 अगस्त : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आतंकवाद के वित्त पोषण के मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए गए कश्मीरी कारोबारी जहूर शाह वटाली की कोविड-19 महामारी फैलने के आधार पर जमानत देने का अनुरोध करने वाली याचिका मंगलवार को खारिज कर दी. वटाली ने निचली अदालत के एक आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था. निचली अदालत ने पिछले साल मामले में वटाली को जमानत देने से इनकार कर दिया था, लेकिन उसकी स्वास्थ्य स्थिति पर संज्ञान लिया था कि वह मधुमेह, हाइपरथायरॉइडिज्म तथा बवासीर समेत विभिन्न बीमारी से पीड़ित है. निचली अदालत ने इस साल की शुरुआत में निर्देश दिया था कि वटाली को उसके इलाज के लिए अगले आदेश तक गुरुग्राम के उसके घर में नजरबंद रखा जाए.

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ ने मंगलवर को प्राधिकारियों द्वारा दाखिल स्थिति रिपोर्ट पर गौर किया और कहा कि वटाली का नियमित तौर पर इलाज किया जा रहा है और उसे दवाएं दी जा रही हैं तथा उसकी हालत स्थिर एवं सतोषजनक है. पीठ ने कहा, ‘‘अभी यह नहीं कहा जा सकता कि कोविड-19 की स्थिति बनी हुई है. जनजीवन सामान्य हो रहा है और यह बात उन कैदियों पर भी लागू होती है, जो हिरासत में हैं.’’ उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर वटाली को किसी अस्पताल में भर्ती कराया जाता है तो उसे घर के बजाय अस्पताल में नजरबंद किया जाएगा और इस दौरान उसे केवल अपने परिवार के करीबी सदस्यों और वकीलों से मुलाकात करने की अनुमति होगी. यह भी पढ़ें : डोडीताल से लापता अमेरिकी नागरिक राजीव राव सुरक्षित मिले

एनआईए ने वटाली को पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद से जुड़े आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में शामिल होने के आरोप में अगस्त 2017 में गिरफ्तार किया था. एजेंसी ने उसके तथा अन्य संदिग्धों के परिसरों पर छापे मारे थे.

एनआईए ने वटाली, हाफिज सईद, हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन तथा नौ अन्य पर ‘‘सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने’’ और कश्मीर घाटी में माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है. उसने अपने आरोप पत्र में कहा कि वटाली ने सैयद, पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई, यहां पाकिस्तान उच्चायोग और दुबई में एक व्यक्ति से पैसे लिए थे.