देश की खबरें | दिल्ली सरकार ने एचआईएमएस परियोजना के लिए 139 करोड़ रुपये की मंजूरी दी

नयी दिल्ली, 28 अगस्त दिल्ली सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी एचआईएमएस परियोजना के लिए 139 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी है। इस परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजधानी के सभी अस्पतालों को एक मंच पर लाया जायेगा। एक आधिकारिक बयान में शनिवार को यह जानकारी दी गई है।

बयान में दावा किया गया है कि इसके लागू होने के बाद दिल्ली देश का एकमात्र ऐसा राज्य बन जाएगा, जिसके पास ‘क्लाउड-आधारित स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली’ होगी। वर्तमान में, स्वीडन और जर्मनी सहित कुछ विकसित देशों में ऐसी प्रणाली उपलब्ध है।

शनिवार को एक कार्यक्रम में परियोजना का उल्लेख करते हुए, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली (एचआईएमएस) परियोजना का जिम्मा मेसर्स एनईसी कॉर्पोरेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है, जो एक बहुराष्ट्रीय निगम है।

बयान में कहा गया है, ‘‘दिल्ली के सभी अस्पतालों को एचआईएमएस से जोड़ा जा रहा है। सभी चिकित्सा सेवाओं को एचआईएमएस पोर्टल के माध्यम से एक मंच के तहत लाया जाएगा। इससे हमें यह जानने में मदद मिलेगी कि अस्पताल में कितने बिस्तर खाली हैं, दवाओं का भंडार और कर्मचारियों की स्थिति, वेंटिलेटर की संख्या और चिकित्सा बुनियादी ढांचे के बारे में कोई अन्य जानकारी एचआईएमएस मंच पर उपलब्ध होगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘किसी को अब अस्पतालों में कतारों में खड़े होने की जरूरत नहीं होगी, आप फोन पर ही डॉक्टर से मिलने का समय ले सकेंगे और अपनी सुविधा के अनुसार जा सकेंगे।’’

बयान में कहा गया है कि दिल्ली सरकार एचआईएमएस को दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में जल्द से जल्द लागू करने की कोशिश कर रही है और निजी अस्पतालों को भी चरणबद्ध तरीके से जोड़ा जाएगा।

आधिकारिक बयान के मुताबिक, सरकार इस परियोजना को लागू करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है, जिसके लिए निविदा हो गई है। इसमें कहा गया है कि परियोजना के लिए दिल्ली कैबिनेट द्वारा 139,80,24,436 रुपये का बजट मंजूर किया गया है।

बयान में कहा गया है कि स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली के लागू होने के बाद, लोग एक ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करके डॉक्टर से मिलने का समय प्राप्त कर सकेंगे। उन्हें डॉक्टर से मिलने के लिए एक समय सीमा निर्धारित की जाएगी और वे उसी के अनुसार परामर्श प्राप्त करने में सक्षम होंगे।

बयान के अनुसार सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी दिल्ली में सर्वेक्षण करेगी कि प्रत्येक नागरिक अपना ई-हेल्थ कार्ड बनवा सके। कार्ड अस्पतालों और अन्य केंद्रों पर भी बनाए जाएंगे।

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