नयी दिल्ली, 26 नवंबर दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की एक याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को 28 नवंबर तक का समय दिया।
याचिका में दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से जुड़े कथित धन शोधन मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अपेक्षित मंजूरी की एक प्रति मांगी गई थी।
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने ईडी की याचिका पर आदेश पारित किया और मामले में सुनवाई स्थगित कर दी।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ईडी के विशेष वकील ने आवश्यक निर्देश प्राप्त करने और केजरीवाल की ओर से दायर आवेदन पर जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा है।’’
केजरीवाल ने यह दावा करते हुए आवेदन दायर किया कि उन्हें मंजूरी की एक प्रति नहीं दी गई और उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष हाल ही में हुई सुनवाई का हवाला दिया, जहां ईडी ने कथित तौर पर कहा कि आरोप पत्र दायर किए जाने पर संबंधित अधिकारियों से आवश्यक मंजूरी प्राप्त की गई थी।
धनशोधन का मामला दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा आबकारी नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की जांच की सिफारिश के बाद दर्ज किए गए सीबीआई मामले से उपजा है।
सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की थी और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत तक इसे खत्म कर दिया।
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