देश की खबरें | दिल्ली की अदालत ने छह साल की बच्ची से बलात्कार मामले में 12 साल की सजा सुनायी

नयी दिल्ली, 28 अगस्त दिल्ली की एक अदालत ने 2020 में छह साल की एक बच्ची का अपहरण करके उसका यौन उत्पीड़न करने के जुर्म में एक व्यक्ति को 12 साल की सजा सुनायी है।

इसने पीड़िता को 7.5 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश भी दिया और कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली का उद्देश्य न केवल आनुपातिक दंड देकर पीड़ा दूर करना है, बल्कि पीड़ित का पुनर्वास करना भी है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रीति परेवा उस व्यक्ति के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही थीं, जिसे पहले अपहरण के दंडात्मक प्रावधान और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम की धारा 10 के तहत दोषी ठहराया गया था।

अतिरिक्त लोक अभियोजक विनीत दहिया ने कहा कि दोषी ने जघन्य अपराध किया है और उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए। अदालत ने अपने हालिया फैसले में कहा, "मौजूदा मामले में, दोषी ने नाबालिग पीड़िता का अपहरण किया और उसके जननांग को छूकर उसका गंभीर यौन उत्पीड़न किया।"

अदालत ने कहा, "वर्तमान मामले के समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों, विशेषकर पीड़ित बालिका की अल्प आयु, किए गए अपराध की प्रकृति, पीड़ित बालिका की मानसिक एवं शारीरिक स्थिति पर अपराध के परिणाम तथा दोषी की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए, दोषी को पोक्सो अधिनियम की धारा 10 के अंतर्गत दंडनीय अपराध के लिए छह वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई जाती है।"

अदालत ने अपहरण के अपराध के लिए भी उसे छह साल की सजा सुनाई।

पर्याप्त मुआवजे की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए अदालत ने कहा, "आपराधिक न्याय प्रणाली का उद्देश्य न केवल अपराधी को आनुपातिक दंड देकर दंडित करना है, बल्कि पीड़ित का पुनर्वास करना भी है।’’

अदालत ने कहा, "यदि हम ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो हम पीड़िता के प्रति अपने कर्तव्यों का भी परित्याग कर रहे हैं।’’

अदालत ने पीड़िता को 7.5 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।

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