नयी दिल्ली, 15 नवंबर राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने बलात्कार के आरोपी एक व्यक्ति को ज़मानत देते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारी होने की वजह से उसके फरार होने की आशंका बेबुनियाद है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) शमा गुप्ता उस सरकारी कर्मचारी की ज़मानत याचिका पर सुनवाई कर रही थीं जो इस साल 25 अक्टूबर से जेल में बंद है।
एएसजे गुप्ता ने एक हालिया आदेश में कहा कि ज़मानत आवेदन पर विचार करते समय यह देखा जाता है कि आरोपी के ज़मानत मिलने के बाद फरार होने और गवाहों को प्रभावित करने का अंदेशा है या नहीं और यह भी देखा जाता है कि हिरासत में पूछताछ से आगे की जांच में मदद मिलेगी या नहीं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान मामले में आरोपी ने ही कथित घटना के बाद पुलिस को फोन किया था और उन्हें सूचित किया था कि महिला की हालत "ठीक नहीं" है और उनके आने तक इंतजार किया था।
अदालत ने कहा कि आरोपी एक सरकारी कर्मचारी है, इसलिए अभियोजन या जांच अधिकारी (आईओ) की यह आशंका कि वह फरार हो जाएगा, इसका कोई आधार नहीं है।
अदालत ने यह भी कहा कि अभियोजन की यह दलील की आरोपी का परिवार पीड़िता को धमका रहा है, सिर्फ एक बयान है, जिसका न सत्यापन किया गया है और न ही स्वतंत्र गवाह ने इसका समर्थन किया है।
अदालत ने आरोपी को 30 हज़ार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की ज़मानत पर राहत प्रदान कर दी।
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