नयी दिल्ली, 24 दिसंबर : दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने लोगों को एक बार विपश्यना करने की सलाह देते हुए शनिवार को घोषणा की कि वह विपश्यना साधना करने जा रहे हैं. विपश्यना एक प्राचीन भारतीय ध्यान पद्धति है, जिसमें भाग लेने वाले लोग एक निश्चित अवधि तक किसी भी संचार से दूर रहते हैं, यहां तक कि किसी से संवाद या संकेतों के माध्यम से भी बात नहीं कर सकते हैं. विपश्यना केंद्र में रहकर वे मानसिक साधना का लाभ लेते हैं. इसे आत्म निरीक्षण और आत्म शुद्धि की सबसे बेहतरीन पद्धति माना गया है.
हालांकि, तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल विपश्यना का अभ्यास कहां करेंगे. विपश्यना के नियमित अभ्यासी केजरीवाल ने पूर्व में धरमकोट, नागपुर और बेंगलुरु में आयोजित सत्रों में इस पद्यति का अभ्यास किया है. 2016 में वे 10 दिनों तक विपश्यना का अभ्यास करने के लिए नागपुर गए थे. इसके अगले साल, वह महाराष्ट्र के इगतपुरी और हिमाचल प्रदेश के धर्मकोट पहुंचे थे. यह भी पढ़ें : COVID-19: केंद्र ने अस्पतालों में ऑक्सीजन, जीवनरक्षक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा
केजरीवाल ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘‘आज विपश्यना साधना के लिए जा रहा हूं. साल में एक बार जाने की कोशिश करता हूं. एक जनवरी को लौटूंगा. कई सौ साल पहले भगवान बुद्ध ने यह विद्या सिखाई थी. क्या आपने विपश्यना की है? अगर नहीं, तो एक बार जरूर कीजिए. मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक, हर पक्ष पर बहुत लाभ होता है. सबका मंगल हो.’’ ‘आप’ प्रमुख ने 2014 के लोकसभा चुनाव और 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में व्यस्त प्रचार अभियान के बाद विपश्यना का अभ्यास करने के लिए कुछ दिनों का विश्राम लिया था.