नयी दिल्ली, 15 दिसंबर : दिल्ली में एक छात्रा पर तेजाब से हमला किए जाने की घटना सामने आने के बाद रसायन कारोबारियों ने अधिकारियों से इसे खरीदने वालों पर कड़ी नजर रखने की मांग करते हुए दावा किया कि तेजाब की बिक्री संबंधी सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं. व्यापारियों ने कहा, “दिल्ली में अब तेजाब की खुलेआम बिक्री नहीं होती है. ‘सल्फ्यूरिक एसिड’ और ‘नाइट्रिक एसिड’ जैसे रसायन औद्योगिक उद्देश्यों के लिए उपलब्ध हैं, लेकिन उनकी बिक्री व खरीद के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है.” पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर में बुधवार सुबह स्कूल जाने के लिए घर से निकली 17 वर्षीय छात्रा पर मोटरसाइकिल सवार दो नकाबपोश लोगों ने कथित तौर पर तेजाब फेंक दिया, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया. छात्रा का सफदरजंग अस्पताल के ‘बर्न आईसीयू’ में इलाज चल रहा है.
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने संभवत: लड़की पर ‘नाइट्रिक एसिड’ फेंका था, जिसे एक ई-कॉमर्स वेबसाइट के जरिये मंगवाया गया था. हालांकि, अपराध में किस तरह के तेजाब का इस्तेमाल किया गया, इसकी पुष्टि फॉरेंसिक जांच के बाद ही हो पाएगी.
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. नाम उजागर न करने की शर्त पर एक रसायन कारोबारी ने कहा, “इन दिनों तेजाब खुदरा बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है, क्योंकि बाजार में ‘ब्रांडेड टॉयलेट क्लीनर’ उपलब्ध हैं. सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड जैसे खतरनाक रसायनों को औद्योगिक उद्देश्यों की खातिर बेचा व खरीदा जाता है, जिसके लिए लाइसेंस की जरूरत होती है.” कारोबारियों ने कहा कि तेजाब हमले की घटनाओं के कारण दिल्ली में रासायनिक पदार्थों का व्यापार प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा कि तेजाब की बिक्री को विनियमित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं, लेकिन इसे खरीदने वालों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है. यह भी पढ़ें : केंद्रीय गृह सचिव हवाई अड्डों पर भीड़भाड़ की समस्या की समीक्षा करेंगे
हालांकि, दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल की इस मामले में राय अलग है. उन्होंने कहा, “महिला आयोग ने कई नोटिस जारी किए, कई सिफारिशें कीं, लेकिन तेजाब की बिक्री जारी है. जैसे सब्जियां बेची जाती हैं, वैसे ही कोई भी तेजाब खरीद सकता है और लड़की पर फेंक सकता है. सरकारें इस पर चुप क्यों हैं? जब एक लड़की पर तेजाब से हमला किया जाता है तो उसके जहन को गहरी चोट पहुंचती है और उसकी जिंदगी बर्बाद हो जाती है.” नाम न उजागर न करने शर्त एक जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि तेजाब की बिक्री को विनियमित करना जिले के अधिकारियों की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, “हमारे पास सभी अधिकृत तेजाब विक्रेताओं की एक सूची है, जो हमें नियमित रूप से बिक्री संबंधी रिपोर्ट भेजते हैं.”
पर्यावरण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार के नियम विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले रसायनों की मात्रा निर्दिष्ट करते हैं. उन्होंने कहा, “लेकिन रसायनों की बिक्री एवं भंडारण के नियमन और उसकी निगरानी की प्राथमिक जिम्मेदारी जिले के अधिकारियों की है.’’ इस साल अक्टूबर में डीसीडब्ल्यू ने दिल्ली सरकार के डिविजनल कमिश्नर को नोटिस जारी कर ऐसे उप खंड मजिस्ट्रेट के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जो तेजाब की बिक्री को विनियमित करने के लिए नियम लागू नहीं कर रहे थे.