देश की खबरें | मानहानि मामला: तृणमूल सांसद साकेत गोखले ने पूर्व राजनयिक लक्ष्मी पुरी से माफी मांगी

नयी दिल्ली, 10 जून तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले ने मंगलवार को पूर्व राजनयिक लक्ष्मी मुर्देश्वर पुरी से जिनेवा स्थित उनके अपार्टमेंट के संदर्भ में की गयी अपनी टिप्पणी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी।

गोखले ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मैं 13 और 23 जून 2021 को राजदूत लक्ष्मी मुर्देश्वर पुरी के खिलाफ किये गए कई ट्वीट के लिए बिना शर्त माफी मांगता हूं, जिनमें राजदूत पुरी द्वारा विदेश में संपत्ति खरीदने के संबंध में गलत और अपुष्ट आरोप थे, जिसके लिए मुझे ईमानदारी से खेद है।’’

यह माफी मानहानि मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद मांगी गई है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता अमित मालवीय ने तृणमूल सांसद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने सुबह-सुबह एक पोस्ट लिखी, ‘‘इस उम्मीद में कि बहुत से लोग उन्हें अपने शब्द वापस लेते हुए नहीं देखेंगे।’’

मालवीय ने कहा, ‘‘तृणमूल सांसद साकेत गोखले ने पूर्व राजदूत लक्ष्मी पुरी से एक अखबार में और फिर 3:28 बजे ‘एक्स’ पर माफी मांगी, उन्हें उम्मीद थी कि बहुत से लोग उन्हें अपने शब्द वापस लेते नहीं देखेंगे। लेकिन इससे मामला और बिगड़ गया। उन पर कपटी होने का आरोप लगाया जा रहा है।’’

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘मुझे यह भी बताया गया है कि उन्होंने अभी तक 50 लाख रुपये का हर्जाना नहीं दिया है। अदालत ने इस बीच उनके वेतन को जब्त करने का आदेश दिया है। मामले को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है। ऐसा लगता है कि तृणमूल में उनके आकाओं ने उन्हें छोड़ दिया है।’’

गोखले ने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘भाजपा आईटी सेल को एक दिन के लिए कुछ काम देने की खुशी है। साथ ही सावरकर को श्रद्धांजलि दी।’’

पुरी ने 2021 में जिनेवा में उनके एक अपार्टमेंट के संदर्भ में उनकी वित्तीय मामलों पर की गई टिप्पणी को लेकर गोखले पर मुकदमा दायर किया था।

एक जुलाई, 2024 को उच्च न्यायालय ने गोखले को सोशल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मंच पर पुरी के खिलाफ कोई और सामग्री प्रकाशित करने से रोक दिया था और उन्हें उनसे माफी मांगने और 50 लाख रुपये का हर्जाना देने का निर्देश दिया।

आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने के बाद पुरी ने गोखले के खिलाफ अवमानना ​​याचिका दायर की।

नौ मई को, उच्च न्यायालय की समन्वय पीठ ने टीएमसी नेता को अपने एक्स हैंडल पर माफीनामा प्रकाशित करने का निर्देश दिया, जिसका उपयोग उन्होंने आपत्तिजनक पोस्ट डालने के लिए किया था। साथ ही पीठ ने गोखले को दो सप्ताह के भीतर एक प्रमुख समाचार दैनिक में माफीनामा प्रकाशित करने का निर्देश दिया।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 28 मई को गोखले को चेतावनी दी कि न्यायिक आदेशों का "जानबूझकर" अनुपालन नहीं करने के लिए उन्हें हिरासत में रखा जा सकता है और एक बार फिर से उन्हें मानहानि मामले में पुरी से माफी मांगने के लिए कहा।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)