ताजा खबरें | राज्यसभा में गतिरोध जारी, कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित

नयी दिल्ली, 24 मार्च भारत के लोकतंत्र के बारे में लंदन में दिए गए बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी से माफी की मांग और अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की विपक्ष की मांग को लेकर शुक्रवार को भी राज्यसभा में गतिरोध बना रहा। हालांकि भोजनावकाश के बाद कुछ देर सदन में सुचारू रूप से गैर सरकारी कामकाज हुआ।

सुबह कार्यवाही शुरू होने पर, सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने बताया कि नियम 267 के तहत, अडाणी समूह से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने को लेकर उन्हें 14 नोटिस मिले हैं।

उन्होंने कहा कि इन नोटिस के जरिए, अडाणी समूह के खिलाफ लेखा धोखाधड़ी और शेयर बाजार में हेरफेर के आरोपों की जांच के लिए जेपीसी गठित करने में सरकार की विफलता सहित इसी से जुड़े अन्य पहलुओं पर चर्चा की मांग की गई है।

सभापति ने कहा कि नियम 267 के तहत नोटिस स्वीकार करने की आवश्यकताओं का केवल ‘‘आंशिक रूप से अनुपालन’’ किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि जब भी नियम 267 की आवश्यकता के पूरी तरह से अनुपालन वाला नोटिस आएगा, तो निश्चित रूप से इस पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।’’

इसी बीच, सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राहुल गांधी से उनकी लंदन वाली टिप्पणी को लेकर माफी की मांग शुरु कर दी। उधर, कांग्रेस के सदस्य जेपीसी गठित करने की मांग करते हुए नारे लगाने लगे।

सदन में व्यवस्था बनते न देख सभापति धनखड़ ने उच्च सदन की बैठक 11 बजकर 20 मिनट पर अपराह्न ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

दोपहर ढाई बजे सदन की बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने गैर सरकारी प्रस्ताव पर चर्चा कराने के लिए कहा। किंतु सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण उन्होंने बैठक को अपराह्न साढ़े तीन बजे तक स्थगित कर दिया।

दो बार के स्थगन के बाद साढ़े तीन बजे बैठक शुरु होने पर सदन में आईयूएमएल सदस्य अब्दुल बहाव के निजी संकल्प पर आगे चर्चा हुई। इस संकल्प में सच्चर समिति की रिपोर्ट के मद्देनजर मुसलमानों की स्थिति में सुधार के लिए सरकार से विभिन्न कदम उठाने का आग्रह किया गया है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी ने चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए बहाव के संकल्प का विरोध किया। उन्होंने सरकार की विभिन्न नीतियों का जिक्र करते हुए कहा कि धर्म के आधार पर लोगों के बीच विभाजन नहीं होना चाहिए।

इसके बाद सदन ने बहाव के संकल्प को ध्वनिमत से खारिज कर दिया। उस समय बहाव सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे।

इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने अन्य सदस्यों का नाम पुकारा जिनके संकल्प आज की कार्यसूची में सूचीबद्ध थे। लेकिन उनके सदन में मौजूद नहीं रहने के कारण सभापति ने तीन बजकर करीब 50 मिनट पर बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

सदन स्थगित करने से पहले सभापति ने सदन में कामकाज बाधित होने और गैर-सरकारी कामकाज नहीं होने पर अफसोस जताया और सदस्यों से इस संबंध में गहनता से चिंतन करने का आह्वान किया।

बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू हुआ है। यह छह अप्रैल तक प्रस्तावित है।

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