बेंगलुरु, तीन दिसंबर कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से पश्चिम बंगाल स्थित एक दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
सरकार ने चिंता जताई कि बल्लारी जिले में हाल ही में हुई महिलाओं की मृत्यु का संबंध कंपनी द्वारा आपूर्ति किए गए घटिया ‘रिंगर लैक्टेट’ सॉल्यूशन से हो सकता है।
‘रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन’ रोगियों को आमतौर पर शरीर में पानी की कमी को दूर करने और द्रव संतुलन बनाए रखने के लिए नसों के द्वारा दिया जाता है।
कर्नाटक के प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य, हर्ष गुप्ता ने एक पत्र में, डीसीजीआई का ध्यान पश्चिम बंगाल स्थित दवा कंपनी पश्चिम बंग फार्मास्यूटिकल्स द्वारा जिला औषधि गोदामों के माध्यम से सरकारी अस्पतालों में वितरण के लिए कर्नाटक राज्य चिकित्सा आपूर्ति निगम लिमिटेड (केएसएमएससीएल) को “कंपाउंड सोडियम लैक्टेट आई पी (रिंगर लैक्टेट आई पी)” के कई बैचों की आपूर्ति की ओर आकर्षित किया।
पत्र में इस बात पर जोर दिया गया कि निर्माता को पश्चिम बंगाल के औषधि नियंत्रक/लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा लाइसेंस दिया गया है, जिसे डीसीजीआई द्वारा अनुमोदित किया गया है।
इसमें कहा गया, “...निर्माता और अन्य संबंधित पक्षों के खिलाफ प्राथमिकता के आधार पर आवश्यक कार्रवाई शुरू करें, जिसकी जानकारी इस कार्यालय को दी जाए। इसके अतिरिक्त, आप पश्चिम बंगाल के औषधि नियंत्रक और अपने अधीनस्थ क्षेत्रीय अधिकारियों को इस राज्य के अधिकारियों द्वारा विनिर्माण इकाई में की जा रही जांच में सहयोग करने का निर्देश दे सकते हैं।”
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 9 से 11 नवंबर के बीच बल्लारी के जिला अस्पताल में चार महिलाओं की मृत्यु की सूचना मिली थी। यह पाया गया कि उक्त निर्माता द्वारा आपूर्ति किए गए रिंगर लैक्टेट (आरएल) बैच का उपयोग किया गया था। मामले की जांच की जा रही है।
इन मौतों के बाद, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को राज्य औषधि नियंत्रक को निलंबित करने, पश्चिम बंग फार्मास्यूटिकल्स को काली सूची में डालने और कंपनी के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)