नयी दिल्ली, 19 मई महा चक्रवात 'अम्फान' के बुधवार को पश्चिम बंगाल के तट पर टकराने की प्रबल संभावना है। इस दौरान 155 से 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक हवाएं चलने और भारी बारिश की संभावना है।
एक सरकारी बयान में बताया गया है कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की मंगलवार की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई है। इस बैठक में चक्रवाती तूफान से निपटने में राज्य, केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों की तैयारियों का जायजा लिया गया है।
भारत मौसम विभाग ने बताया कि इस ‘महा चक्रवाती तूफान’ के 20 मई दोपहर या शाम में पश्चिम बंगाल के तट से टकराने की प्रबल संभावना है। इस दौरान हवाओं की रफ्तार पहले 155-165 किलोमीटर प्रति घंटे तक रहने एवं इसके बाद और भी अधिक तेज होकर 185 किलोमीटर प्रति घंटे के उच्च स्तर को भी छू जाने की प्रबल संभावना है।
बयान के मुताबिक, विभाग ने बताया कि इसके साथ ही राज्य के तटीय जिलों में भारी बारिश होगी और समुद्र में चार-पांच मीटर ऊंची लहरें उठेंगी। इस तूफान से पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता जिलों के काफी प्रभावित होने का अंदेशा है।
इसमें बताया गया है कि 'अम्फान' तूफान से नुकसान की संभावना इससे पहले आए चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’ से हुई भारी क्षति से भी कहीं अधिक होने का अंदेशा है, जो नौ नवंबर 2019 को पश्चिम बंगाल के तट से टकराया था।
इस चक्रवाती तूफान से ओडिशा के तटीय जिलों जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, जाजपुर और बालासोर में भी अत्यंत तेज बारिश होने, अचानक से तेज हवाएं चलने और समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठने की आशंका है।
ओडिशा के मुख्य सचिव और पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने एनसीएमसी को उनके द्वारा किए गए प्रारंभिक उपायों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि निचले इलाकों से लोगों को निकाला जा रहा है। खाद्यान्न, पेयजल और अन्य आवश्यक वस्तुओं का भंडारण करने के लिए हरसंभव कदम उठाए गए हैं। बिजली एवं टेलीकॉम सेवाओं के रखरखाव और बहाली के लिए संबंधित टीमें भी तैनात कर दी गई हैं।
बयान के मुताबिक, राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कैबिनेट सचिव ने राज्य सरकारों से कहा कि चक्रवाती तूफान के मार्ग में पड़ने वाले निचले इलाकों से समय पर लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं। इसके साथ ही आवश्यक आपूर्ति जैसे कि भोजन, पेयजल एवं दवाइयां आदि को पर्याप्त मात्रा में बनाए रखा जाए।
बयान के अनुसार, राज्य सरकारों को यह भी सलाह दी गई कि सड़कों से मलबा हटाने और अन्य बहाली कार्यों के लिए टीमों को तैयार रखा जाए।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 36 टीमों को वर्तमान में दोनों राज्यों में तैनात किया गया है।
सेना और नौसेना के बचाव एवं राहत दलों के साथ-साथ नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बल के जहाजों एवं विमानों को भी आपात व्यवस्था के तौर पर रखा गया है। आवश्यक सेवाओं के रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए दूरसंचार विभाग और ऊर्जा मंत्रालय की एजेंसियों के अधिकारियों को भी राज्यों में तैनात किया गया है।
ओडिशा के मुख्य सचिव और पश्चिम बंगाल के गृह सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस बैठक में भाग लिया। गृह, रक्षा, जहाजरानी, बिजली, दूरसंचार एवं स्वास्थ्य मंत्रालयों, मौसम विभाग, एनडीएमए और एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया।
बयान के मुताबिक, इस तूफान से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए एनसीएमसी की बैठक फिर से होगी।
सरकार ने पहले बताया था कि चक्रवात 'अम्फान' बंगाल की खाड़ी के ऊपर सोमवार को महा चक्रवात में तब्दील हो गया और इससे पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में काफी नुकसान होने का अंदेशा है।
यह दो दशकों में बंगाल की खाड़ी में दूसरा महा चक्रवात है।
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