सैम बैंकमैन-फ्रीड को कभी दुनिया के पहले संभावित खरबपति के रूप में देखा जाता था. आज वह एक मामूली अपराधी है जिसे सौ साल तक की कैद हो सकती है.न्यूयॉर्क में एक महीने तक चली सुनवाई के बाद एक अदालत ने क्रिप्टो करंसी एक्सचेंज एफटीएक्स के संस्थापक सैम बैंकमैन-फ्रीड को धोखाधड़ी का दोषी पाया है. सिर्फ पांच घंटे की चर्चा के बाद जूरी ने अपना फैसला सुना दिया. बैंकमैन-फ्रीड को सजा का ऐलान अगले साल 28 मार्च को किया जाएगा.
इसके साथ ही क्रिप्टो जगत के सबसे चमकते चेहरों में से एक 31 साल के बैंकमैन-फ्रीड का बहुत छोटा करियर समाप्त हो गया. उसे पिछले साल तब गिरफ्तार किया गया था जब एफटीएक्स दीवालिया हो गी थी.
फैसले के बाद अमेरिका के सरकारी वकील डेमियन विलियम्स ने एक बयान में कहा, "सैम बैंकमैन-फ्रीड ने अमेरिकी इतिहास के सबसे बड़े घोटालों में से एक को अंजाम दिया. यह अरबों डॉलर का घोटाला था जिसका मकसद उसे क्रिप्टो जगत का बादशाह बनाना था. यह मामला हमेशा झूठ, धोखाधड़ी और चोरी का मामला था और हम इसे बिल्कुल सहन नहीं कर सकते.”
अधिकारियों ने सैम बैंकमैन-फ्रीड पर निवेशकों को धोखा देने, झूठ बोलने और एफटीएक्स एक्सचेंज से अरबों डॉलर का गबन करने का आरोप लगाया था. जानकारों का कहना है कि इन आरोपों में सौ साल से भी ज्यादा की सजा हो सकती है.
एफटीएक्स का उभार
एफटीएक्स के दिवालिया होने से पहले बैंकमैन-फ्रीड दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों में शामिल था. कागज पर उसकी संपत्ति 32 अरब डॉलर से ज्यादा आंकी गई थी. अमेरिका के राजनीतिक गलियारों में वह एक जानी-मानी हस्ती था.
उसे डेमोक्रैटिक पार्टी और वामपंथी गतिविधियों के लिए भारी-भरकम दान देने के लिए जाना जाता था. तमाम अखबार और टीवी चैनल उसका इंटरव्यू कर रहे थे. बहामास स्थित अपने घर से वह वीडियो जारी करता था जिसे दुनियाभर में देखा जाता था.
एफटीएक्स बहुत कम समय में ही बहुत बड़ी कंपनी बन गई थी. वह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज बन गया था. सैम बैंकमैन-फ्रीड को ‘किंग ऑफ क्रिप्टो' कहा जाता था. हालांकि सिर्फ आठ दिन में यह कंपनी अर्श से फर्श पर आ गई.
एक अनुमान के मुताबिक एफटीएक्स में 12 लाख लोगों ने खाता बनाया था जिसे वे क्रिप्टोकरंसी में निवेश के लिए इस्तेमाल करते थे. निवेश कंपनी सेकोया कैपिटल ने एफटीएक्स में अरबों का निवेश किया था.
अर्श से फर्श पर
बैंकमैन-फ्रीड अमेरिका के प्रतिष्ठित मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से पढ़ाई की थी. उसने फिजिक्स और गणित की पढ़ाई के बाद बैंकिंग में करियर बनाने का फैसला किया और शेयर बाजार में हाथ आजमाया.
न्यूयॉर्क की एक कंपनी जेन स्ट्रीट में काम करने के बाद वह बिटकॉइन की ओर मुड़ गया. उसने एफटीएक्स की स्थापना की, जहां लोगों को क्रिप्टोकरंसी में निवेश के लिए एक प्लैटफॉर्म दिया जाता था.
एफटीएक्स पर 10-15 अरब डॉलर का व्यापार रोजाना हो रहा था. 2021 में सैम बैंकमैन-फ्रीड आधिकारिक तौर पर अरबपति बन गया. अमेरिका में एक एनबीए स्टेडियम का नाम भी उसकी कंपनी के नाम पर रखा गया.
वैसे, बैंकमैन-फ्रीड खुद को निर्दोष बताता है. उसका कहना है कि उसने गलतियां कीं लेकिन उसकी मंशा गलत नहीं थी. जूरी के फैसले के बाद बैंकमैन-फ्रीड के वकील मार्क कोहेन ने कहा, "हम जूरी के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन हम इससे बहुत निराश हैं. बैंकमैन-फ्रीड अपने निर्दोष होने पर कायम हैं और अपने ऊपर लगे आरोपों के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे."
शुद्ध सट्टेबाजी
विशेषज्ञ कहते हैं कि बैंकमैन-फ्रीड का दोषी साबित होना क्रिप्टो बाजारों के खतरों को उजागर करता है, जहां लोग सिर्फ नाम पर व्यापार करते हैं जिसकी कोई कीमत नहीं है. कैनबरा यूनिवर्सिटी में सीनियर लेक्चरर जॉन हॉकिंस कहते हैं कि क्रिप्टो जगत की फाइनैंशल मशीनरी बेहद खराब और जटिल है.
एक लेख में जॉन हॉकिंस लिखते हैं, "यह फैसला क्रिप्टो जैसे अनियमित वित्तीय बाजारों के खतरों को लेकर एक चेतावनी है." हॉकिंस कहते हैं कि बिटकॉइन जैसे क्रिप्टो टोकन की कोई आधारभूत कीमत नहीं है.
वह कहते हैं, "उनसे मुनाफा तभी हो सकता है जब उन्हें खरीद कीमत से ज्यादा पर बेचा जा सके और वो भी किसी ऐसे व्यक्ति को, जो सोचता है कि कीमत और ज्यादा बढ़ेगी. यह सट्टेबाजी का सबसे शुद्ध रूप है.”
विवेक कुमार (रॉयटर्स)