मुंबई, 28 अगस्त महाराष्ट्र में अपराधियों को अब पुलिस का डर नहीं होने का दावा करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख ने बुधवार को आरोप लगाया कि गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के प्रशासन में राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है।
देशमुख का बयान बदलापुर के एक विद्यालय में चार साल की दो लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न और पुणे में एक पुलिस अधिकारी पर हंसिये से किए गए हमले की घटनाओं को लेकर उत्पन्न जनाक्रोश के बीच आया है।
देशमुख ने ‘पीटीआई-वीडियो’ के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘गृहमंत्री के प्रशासन में राज्य में पुलिस का कोई डर नहीं रह गया है। पुलिस को खुलेआम पीटा जाता है। अपराधियों के बीच पुलिस का डर होना चाहिए।’’
राज्य के पूर्व गृहमंत्री देशमुख ने मांग की कि केंद्र महाराष्ट्र सरकार के शक्ति कानून को यथाशीघ्र मंजूरी दे जिसमें महिलाओं के साथ जघन्य अपराधों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है।
उन्होंने दावा किया कि यदि यह कानून प्रभाव में होता तो महिलाओं के साथ अपराध नहीं होते।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘केंद्र में उनकी (भाजपा की) सरकार है। शक्ति कानून पिछले तीन साल से मंजूरी (राष्ट्रपति की मंजूरी) के लिए लंबित है। इस कानून में बलात्कार जैसे अपराध करने वालों के लिए मौत की सजा सहित सबसे कठोर सजा का प्रावधान है। लेकिन सरकार महिलाओं के मुद्दों पर बिल्कुल भी गंभीर नजर नहीं आती है।’’
महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों ने तीन साल पहले जब महाराष्ट्र शक्ति आपराधिक कानून के कार्यान्वयन के लिए ‘शक्ति आपराधिक कानून (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक, 2020 और विशेष न्यायालय तथा मशीनरी’ पारित किया था, तब महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सत्ता में था।
देशमुख ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार आगामी विधानसभा चुनाव जीतने के लिए पात्र महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह देने से संबंधित महत्वपूर्ण ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीन योजना’ का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए कर रही है। उन्होंने कहा कि उनका अंदाजा है कि बाद में यह योजना बंद कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि यदि महा विकास आघाड़ी गठबंधन चुनाव बाद सत्ता में आया तो वह इस योजना को जारी रखेगा।
एमवीए के सत्ता में रहने के दौरान गृहमंत्री रहे देशमुख ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि तत्कालीन विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, मंत्रियों आदित्य ठाकरे एवं अनिल परब को फंसाने के लिए उनपर एक हलफनामा तैयार करने का दबाव डाला था।
उन्होंने भ्रष्टाचार और धन शोधन के आरोपों में अपनी गिरफ्तारी के लिए फडणवीस को जिम्मेदार ठहराया था। देशमुख फिलहाल जमानत पर हैं।
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