भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने कहा, T20 लीगों की बढती संख्या के बीच फुटबॉल की राह पर क्रिकेट
भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री का मानना है कि दुनिया भर में टी20 लीगों की बढती संख्या से द्विपक्षीय क्रिकेट खासकर वनडे प्रारूप को नुकसान हो रहा है और सभी फ्रेंचाइजी का झुकाव खिलाड़ियों को दीर्घकालिन अनुबंध देने पर है.
नयी दिल्ली, पांच मई भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री का मानना है कि दुनिया भर में टी20 लीगों की बढती संख्या से द्विपक्षीय क्रिकेट खासकर वनडे प्रारूप को नुकसान हो रहा है और सभी फ्रेंचाइजी का झुकाव खिलाड़ियों को दीर्घकालिन अनुबंध देने पर है. शास्त्री ने कहा कि क्रिकेट फुटबॉल की राह पर जा रहा है और भविष्य में खिलाड़ी सिर्फ वैश्विक टूर्नामेंट ही खेलना चाहेंगे. यह भी पढ़ें: विराट कोहली के नेतृत्व में खेलना चाहते राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी, जो रूट, देवदत्त पडिक्कल, ध्रुव जुरेल ने चुना अपना साइड, देखें वायरल वीडियो
शास्त्री ने ‘ईएसपीएन क्रिकइन्फो’ से कहा ,‘‘ मैने हमेशा कहा है कि द्विपक्षीय श्रृंखलाओं को नुकसान होगा. दुनिया भर में जिस तरह से लीग की संख्या बढ रही है, यह फुटबॉल की राह पर जा रहा है.’’
उन्होंने कहा ,‘‘ टीमें विश्व कप से पहले एकत्र होंगी , थोड़ा बहुत द्विपक्षीय क्रिकेट खेलेंगी, क्लब टीमों को छोड़ेंगे जो विश्व कप खेलेंगे. आपको पसंद आये या नहीं लेकिन ऐसा ही होगा.’
उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे इसमें कोई बुराई नहीं लगती. लेकिन 50 ओवरों के क्रिकेट को नुकसान होगा.’’
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के देश के लिये खेलने पर क्लब को तरजीह देने के बारेमें उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह चलन और बढेगा.
उन्होंने कहा ,‘‘ देश में एक अरब 40 करोड़ लोग हैं और सिर्फ 11 ही देश के लिये खेल सकते हैं. फिर बाकी क्या करेंगे. उन्हें इस फ्रेंचाइजी क्रिकेट के जरिये दुनिया भर में खेलने का मौका मिल रहा है तो वह क्यो नहीं खेलेंगे. यह उनकी आजीविका है.’’
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