आतंकवाद की चुनौती पर 'वैश्विक सहमति' बनाना प्राथमिकता होनी चाहिए: विदेश मंत्री एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि लंबे समय तक आतंकवाद की चुनौती को केवल सीधे तौर पर प्रभावित होने वालों की समस्या माना जाता रहा है. उन्होंने कहा कि दुनिया के बाकी हिस्सों की तरह, अमेरिका भी वैश्विक शक्ति वितरण के पुनर्संतुलन को स्वीकार कर रहा है. यह पिछले एक दशक में तेजी से हुआ और शायद जारी रहेगा.
नई दिल्ली, 28 जनवरी: विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने बुधवार को कहा कि लंबे समय तक आतंकवाद की चुनौती को केवल सीधे तौर पर प्रभावित होने वालों की समस्या माना जाता रहा है. इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि इस मुद्दे पर वैश्विक सहमति बनाना प्राथमिकता होनी चाहिए. इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज (Institute for National Security Studies), इजराइल के 14वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि जैसे ही अमेरिका में नया प्रशासन कार्यभार संभालता है, यह स्वाभाविक है कि दुनिया इससे होने वाले बदलावों पर ध्यान देगी.
उन्होंने कहा कि दुनिया के बाकी हिस्सों की तरह, अमेरिका भी वैश्विक शक्ति वितरण (Global Power Distribution) के पुनर्संतुलन को स्वीकार कर रहा है. यह पिछले एक दशक में तेजी से हुआ और शायद जारी रहेगा.
उन्होंने कहा कि जाहिर है, अमेरिकी प्रशासन उस परिदृश्य पर गौर करेगा जो उसे विरासत में मिला है और समकालीन आवश्यकताओं को पूरा करेगा.