देश की खबरें | कन्नूर विश्वविद्यालय नियुक्ति विवाद पर माकपा ने राज्यपाल खान पर पलटवार किया

तिरुवनंतपुरम, 19 अगस्त केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कन्नूर विश्वविद्यालय में एक मलयालम एसोसिएट प्रोफेसर की कथित विवादास्पद नियुक्ति पर रोक लगाने के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के फैसले को शुक्रवार को ‘असंवैधानिक’ करार दिया और महिला प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर ‘पक्षपात और भाई-भतीजावाद’ के उनके आरोप को खारिज कर दिया।

सत्तारूढ़ दल ने दावा किया कि एक माकपा नेता की पत्नी की एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति के मामले में विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा कुछ भी ‘अवैध’ नहीं किया गया था।

राज्यपाल के इन आरोपों को खारिज करते हुए कि विश्वविद्यालय का कदम ‘पक्षपात और भाई-भतीजावाद’ का मामला प्रतीत होता है, माकपा राज्य सचिवालय के सदस्य ए.के. बालन ने खान पर पलटवार करते हुए कहा कि संवैधानिक पद पर उनकी नियुक्ति भी राजनीति से प्रेरित निर्णय था।

पूर्व कानून मंत्री बालन ने खान के आरोपों के जवाब में कहा, ‘‘राज्यपाल द्वारा लिया गया रुख असंवैधानिक, कन्नूर विश्वविद्यालय अधिनियम का उल्लंघन और प्राकृतिक न्याय के खिलाफ भी है।’’

राज्यपाल ने बृहस्पतिवार की देर रात नयी दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए यह भी आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री के सचिव की पत्नी प्रिया वर्गीस को कन्नूर विश्वविद्यालय के मलयालम विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त करने का निर्णय ‘राजनीतिक’ था।

खान ने कहा था, ‘‘नियुक्ति की प्रक्रिया ...(में) पक्षपात और भाई-भतीजावाद का मामला प्रतीत होता है। एक व्यक्ति जो असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त होने के योग्य नहीं है, उसे प्रथम दृष्टया इसलिए नियुक्त किया जा रहा है, क्योंकि वह मुख्यमंत्री के सचिव की पत्नी है। यह (निर्णय) राजनीतिक है। इसमें कोई शक नहीं है।’’

राज्यपाल का समर्थन करते हुए, कांग्रेस नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा है कि खान ने वास्तव में कन्नूर विश्वविद्यालय में अवैध नियुक्ति के प्रयास को रोकने के लिए अपनी शक्ति का इस्तेमाल किया है।

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