
नयी दिल्ली, सात फरवरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन ने अमेरिका से निर्वासित किये गए भारतीय प्रवासियों के साथ हुए ‘‘अमानवीय और हिंसक व्यवहार’’ की शुक्रवार को निंदा की और केंद्र पर उन्हें नस्लवादी शासन के भरोसे छोड़ देने का आरोप लगाया।
यहां जारी एक बयान में, पार्टी ने कहा कि वह ‘‘अमेरिका के ट्रंप प्रशासन द्वारा निर्वासित भारतीय प्रवासियों के साथ अमानवीय और हिंसक व्यवहार की कड़ी निंदा करती है।’’
भाकपा(मार्क्सवादी लेनिनवादी)लिबरेशन ने कहा कि भारतीयों को बेड़ियों में जकड़ कर निर्वासित किये जाने का दृश्य औपनिवेशिक काल की दासता की याद दिलाता है।
बयान में कहा गया है, ‘‘यह भयावह दृश्य, जहां प्रवासियों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जाता है, उनकी गरिमा छीन ली जाती है, उन्हें बंदियों की तरह बांध दिया जाता है, औपनिवेशिक युग को प्रतिबंबित करता है और यह ट्रंप शासन के आव्रजन एजेंडे की अत्यधिक नस्लवादी और अमानवीय प्रकृति को उजागर करता है।’’
वाम दल ने आरोप लगाया कि इस दुर्व्यवहार पर (नरेन्द्र) मोदी सरकार की ‘‘चुप्पी’’ महज अनदेखी नहीं, बल्कि ‘‘सांठगांठ’’ है।
पार्टी ने कहा कि भाजपा ‘‘राष्ट्रवाद’’ और ‘‘भारतीय गौरव की रक्षा’’ करने की बातें करती है, लेकिन वह भारतीय प्रवासियों को नस्लवादी शासन के भरोसे छोड़ देती है।
वाम दल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा डोनाल्ड ट्रंप को गले लगाना, जिन्हें वे अपना ‘‘प्यारा दोस्त’’ कहते हैं और जिनके लिए उन्होंने अमेरिकी (राष्ट्रपति) चुनावों के दौरान खुले तौर पर प्रचार किया था, अब भारत के प्रवासी श्रमिकों के साथ विश्वासघात के रूप में सामने आया है।
पार्टी ने कहा कि यह अमेरिकी साम्राज्यवादी हितों के लिए भाजपा नीत केंद्र सरकार की दासता को उजागर करती है, जो ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों के समक्ष संघ परिवार के ऐतिहासिक आत्मसमर्पण को प्रतिबिंबित करती है।
बयान में कहा गया है, ‘‘जिस तरह आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के वैचारिक मार्गदर्शकों ने औपनिवेशिक शासकों के सामने घुटने टेक दिए थे, उसी तरह मौजूदा संघ परिवार अमेरिकी साम्राज्य के समक्ष घुटने टेक रहा है, भारतीय प्रवासियों की गरिमा को खोखली तस्वीरों और ‘राष्ट्रवाद’ के खोखले नारों के लिए बेच रहा है।’’
वाम दल ने मांग की कि भारत सरकार को भारतीय प्रवासियों के साथ अमानवीय व्यवहार को खारिज करना चाहिए और उनकी सम्मानजनक वापसी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
अमेरिकी सेना का एक विमान 104 अवैध प्रवासियों के साथ बुधवार को अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा था।
विपक्षी सांसद, भारतीय प्रवासियों के निर्वासन के तरीके का विरोध कर रहे हैं, जबकि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि निर्वासन की प्रक्रिया कई वर्षों से चल रही है और यह कोई नई बात नहीं है।
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