Bihar Assembly Election 2020: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बिहार में महागठबंधन के साथ मिलकर की चुनाव लड़ने की घोषणा
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बुधवार को महागठबंधन के साथ मिलकर आसन्न बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की. बैठक में यह भी सहमति बनी कि किसी भी परिस्थिति में व्यापक गठबंधन के बीच किसी प्रकार की अड़चन नहीं आने दी जाएगी.
पटना, 27 अगस्त: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बुधवार को महागठबंधन के साथ मिलकर आसन्न बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एक संयुक्त शिष्टमंडल ने आगामी विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को निर्णायक रूप से पराजित करने के लिए बिहार की सभी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और वामपंथी शक्तियों को एक साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतारने की रणनीति तय करने के लिए बुधवार को राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के साथ मिलकर बातचीत की.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिहार राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने बताया कि बातचीत में इस बात पर सहमति बनी कि राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, अन्य वामपंथी दल एवं लोकतांत्रिक पार्टियां मिलकर सभी 243 सीटों पर एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगी. सभी दलों के बीच सम्मानजनक तरीके से सीटों के बंटवारे पर जल्द ही सहमति बना ली जाएगी.
बैठक में यह भी सहमति बनी कि किसी भी परिस्थिति में व्यापक गठबंधन के बीच किसी प्रकार की अड़चन नहीं आने दी जाएगी. सभी पक्ष आपसी समझदारी और व्यापक राजनीतिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ेंगे. वार्ता दल में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से राज्य सचिव के अलावा राज्य सचिवमंडल सदस्य ओम प्रकाश नारायण, रामबाबू कुमार, पूर्व विधायक अवधेश कुमार राय, पूर्व एमएलसी संजय कुमार यादव और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से उनके राज्य सचिव अवधेश कुमार, सर्वोदय शर्मा, अरुण कुमार मिश्रा एवं रामपरी देवी शामिल थीं.
उल्लेखनीय है कि 20 अगस्त को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा :हम: सेक्युलर ने महागठबंधन में समन्वय समिति नहीं बनाए जाने पर महागठबंधन से नाता तोड लिया था. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के महागठबंधन से निकल जाने के बाद अब इस गठबंधन में चार दल राजद, कांग्रेस, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा और मुकेश सहनी का दल वीआईपी बच गये हैं.
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