मुंबई, 15 सितंबर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई में कोविड-19 उपचार केंद्रों में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत के सहयोगी व्यवसायी सुजीत पाटकर के खिलाफ शुक्रवार को आरोपपत्र दाखिल किया. आरोपपत्र अदालत की रजिस्ट्री के समक्ष प्रस्तुत किया गया और कागजात की जांच के बाद यह धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामलों के विशेष न्यायाधीश के समक्ष आएगा. New ED Director: राहुल नवीन बने ईडी के कार्यवाहक निदेशक, संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल खत्म.
पाटकर और एक अन्य आरोपी किशोर बिसुरे को ईडी ने 19 जुलाई को गिरफ्तार किया था और वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. हालांकि आरोपपत्र की सामग्री अभी उपलब्ध नहीं है, लेकिन मामले से जुड़े एक वकील ने कहा कि एजेंसी ने गिरफ्तार दोनों व्यक्तियों को आरोपी के तौर पर नामजद किया है.
पाटकर पर महामारी के दौरान शहर में 'जंबो सेंटर' कहे जाने वाले कोविड-19 अस्पतालों की स्थापना या प्रबंधन के लिए बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) से फर्जी तरीके से अनुबंध हासिल करने का आरोप है. बिसुरे दहिसर में एक ‘जंबो सेंटर’ के डीन थे. ईडी ने दावा किया है कि पाटकर की साझेदारी वाली कंपनी ‘लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज’ और तीन अन्य को कोविड-19 केंद्रों में चिकित्सा कर्मियों की आपूर्ति के लिए बीएमसी से 31.84 करोड़ रुपये मिले.
जून 2020 में स्थापित इस कंपनी को चिकित्सा कर्मियों या सेवाएं प्रदान करने का कोई अनुभव नहीं होने के बावजूद अनुबंध दिया गया. दोनों की गिरफ्तारी के बाद रिमांड सुनवाई के दौरान, जांच एजेंसी ने अदालत को बताया था कि पाटकर को अपने निजी बैंक खाते में लाइफलाइन मैनेजमेंट सर्विसेज से बड़ी मात्रा में अपराध की आय प्राप्त हुई थी.
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