देश की खबरें | भारत में कोविड-19 के मामलों का तेजी से बढ़ना जारी; प्रधानमंत्री ने स्थिति की समीक्षा की

नयी दिल्ली, चार अप्रैल भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों का तेज गति से बढ़ना जारी है और रविवार को संक्रमण के 93,249 नए मामले सामने आए, जो 19 सितंबर के बाद सबसे अधिक दैनिक वृद्धि है। वहीं, केंद्र सरकार ने इसके लिए कोविड-19 नियमों के अनुपालन और महामारी के प्रसार की रोकथाम के उपायों के प्रभावी क्रियान्वयन की कमी को जिम्मेदार ठहराया है।

देश में महामारी से सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में शुक्रवार रात आठ बजे से सप्ताहांत लॉकडाउन की घोषणा की गई है। राज्य सरकार ने बैंकिंग और बीमा क्षेत्रों को छोड़कर निजी कार्यालयों को बंद करने की घोषणा की है। सोमवार रात से कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दी गई, इसके अलावा कई अन्य प्रतिबंध भी लगाए गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि कोविड-19 के संक्रमण के इस दौर से निपटने के लिए राज्यों को कड़े और व्यापक कदम उठाने होंगे। संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उन्होंने पांच स्तरीय रणनीति--टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट, कोविड व्यवहार और टीकाकरण को गंभीरता और प्रतिबद्धता से लागू करने का सुझाव दिया।

ये सुझाव उन्होंने देश भर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर रविवार को हुई एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान दिये। उन्होंने महामारी के सतत प्रबंधन और इस सिलसिले में सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के साथ ही जन भागीदारी और जन आंदोलन जारी रखने की जरूरत पर भी बल दिया।

इस समीक्षा बैठक में एक प्रस्तुति भी दी गई, जिसके मुताबिक देश में कुल संक्रमित मामलों में 91 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी 10 राज्यों की है और इन्हीं राज्यों में कोविड-19 से सर्वाधिक मौतें भी हुई हैं।

बाद में प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘‘देश भर में कोविड-19 और इसके खिलाफ जारी टीकाकरण अभियान की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। इस वैश्विक महामारी से लड़ाई के प्रभावी तरीके के रूप में टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट, कोविड से बचाव संबंधी सावधानियों और टीकाकरण की पांच स्तरीय रणनीति के महत्व को दोहराया।’’

बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि छह अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच कोविड-19 महामारी के अनुरूप व्यवहार करने मसलन शत-प्रतिशत मास्क के उपयोग, व्यक्तिगत स्वचछता पर जोर देने के साथ ही कोविड बचाव संबंधी सावधानियों के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।

बैठक में महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ के हालात पर चिंता जताई गई और इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री ने इन राज्यों में जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों तथा चिकित्सकों की केन्द्रीय टीम भेजने का निर्देश दिया।

महाराष्ट्र में अकेले देश में कोविड-19 के कुल मामलों के 57 प्रतिशत मामले हैं और राज्य में दैनिक नए मामलों का आंकड़ा 47,913 तक पहुंच गया है। महाराष्ट्र में इससे पहले जब कोरोना वायरस महामारी चरम पर थी, उसके मुकाबले यह आंकड़ा दोगुने से भी अधिक है।

पीएमओ के बयान के मुताबिक पिछले 14 दिनों में देश में मामलों की कुल संख्या में 4.5 प्रतिशत पंजाब से हैं, जबकि मौतों की कुल संख्या में इसकी हिस्सेदारी 16.3 प्रतिशत रही है।

बयान के मुताबिक, ‘‘10 उच्च संख्या वाले राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश देश के कुल मामलों में 91.4 प्रतिशत और कुल मौतों में 90.9 प्रतिशत का योगदान दे रहे हैं।’’

इस बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

पीएमओ के मुताबिक मोदी ने निर्देश दिया, ‘‘कोविड-19 के टिकाऊ प्रबंधन के लिए समुदाय की जागरुकता और इसकी भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है और कोविड-19 प्रबंधन के लिए जन भागीदारी और जन आन्दोलन जारी रखने की आवश्यकता है।’’

भारत में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 93,249 नए मामले सामने आए, जो इस साल एक दिन में आए कोविड-19 के सर्वाधिक मामले हैं। इसके साथ ही देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,24,85,509 हो गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार 19 सितंबर के बाद से कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सामने आए ये सबसे अधिक मामले हैं। 19 सितंबर को कोविड-19 के 93,337 मामले आए थे।

आंकड़ों के मुताबिक रविवार को महामारी से 513 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 1,64,623 हो गई है।

मंत्रालय ने बताया कि संक्रमण के मामलों में लगातार 25वें दिन वृद्धि दर्ज की गई है। देश में अब भी 6,91,597 मरीज कोविड-19 का इलाज करा रहे हैं जो संक्रमण के कुल मामलों का 5.54 प्रतिशत है। स्वस्थ होने वाले लोगों की दर घट कर 93.14 प्रतिशत रह गई है।

देश में 12 फरवरी को सबसे कम 1,35,926 लोग संक्रमित थे जो संक्रमण के कुल मामलों का 1.25 प्रतिशत था।

आंकड़ों के अनुसार इस बीमारी से अब तक 1,16,29,289 लोग उबर चुके हैं जबकि मृत्यु दर 1.32 प्रतिशत है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक तीन अप्रैल तक 24,81,25,908 नमूनों की जांच की जा चुकी है।

देश में अब तक इस महामारी से 1,64,623 लोग जान गंवा चुके हैं। इनमें से सबसे अधिक 55,656 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, 12,764 की तमिलनाडु, 12,610 की कर्नाटक, 11,060 की दिल्ली, 10,340 की पश्चिम बंगाल, 8,850 की उत्तर प्रदेश, 7,234 की आंध्र प्रदेश और 7,032 लोगों की मौत पंजाब में हुई है।

बीते 24 घंटे में आए संक्रमण के 93,249 नए मामलों में से 80.96 प्रतिशत आठ राज्यों महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, दिल्ली, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात से सामने आए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि भारत में कोविड-19 के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं।

देश में अभी 6,91,597 मरीज इस महामारी से संक्रमित हैं, जो संक्रमण के कुल मामलों का 5.54 प्रतिशत है। बीते 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की कुल संख्या में 32,688 का इजाफा हुआ है।

मंत्रालय ने बताया कि देश में इस बीमारी का इलाज करा रहे मरीजों में से 76.41 प्रतिशत महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, केरल और पंजाब में हैं। अकेले महाराष्ट्र में ही 58.19 प्रतिशत मरीज उपचाराधीन हैं।

महाराष्ट्र में इस महामारी के एक दिन में 49,447 मामले सामने आए। इसके बाद छत्तीसगढ़ में 5,818 जबकि कर्नाटक में 4,373 नए मामले दर्ज किए गए।

मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, कर्नाटक, दिल्ली, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और केरल समेत 12 राज्यों में संक्रमण के रोज आने वाले मामले बढ़ रहे हैं।

भारत में अब तक 1,16,29,289 लोग इस बीमारी से उबर चुके हैं।

इस महामारी से पिछले 24 घंटे में 513 लोगों ने जान गंवाई। इनमें से 85.19 प्रतिशत मौत आठ राज्यों में हुई। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 277 लोगों की मौत हुई। इसके बाद पंजाब में 49 लोगों की मौत हुई।

चौदह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 से कोई मौत नहीं हुई। इनमें ओडिशा, असम, पुडुचेरी, लद्दाख, दादरा और नागर हवेली, नगालैंड, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम, लक्षद्वीप, मिजोरम, अंडमान और निकोबार तथा अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं।

टीकाकरण के मुद्दे पर मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक कुल 7,59,79,651 टीके लग चुके हैं।

कुल टीकों में 60.19 प्रतिशत टीके इन आठ राज्यों में लगे हैं। अकेले महाराष्ट्र में ही 9.68 प्रतिशत टीके लगे हैं।

देश में कोविड-19 रोधी कुल टीकों में से 43 प्रतिशत टीके पांच राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में लगे हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक कुल 7,59,79,651 लोगों को टीके लगे हैं जिनमें से 3,33,10,437 टीके इन पांच राज्यों में लगे हैं।

रविवार को सुबह सात बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इन पांच राज्यों में भी 2,91,54,577 लोगों को टीके की पहली खुराक और 41,55,860 लोगों को टीके की दूसरी खुराक दी जा चुकी है।

इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों को देखते हुए सप्ताहांत में शुक्रवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक लॉकडाउन लागू करने की रविवार को घोषणा की। साथ ही, सोमवार से 30 अप्रैल तक रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू करने की भी घोषणा की।

इसके अलावा कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर निजी कार्यालय, थियेटर और सैलून आदि बंद रखने जैसी कड़ी पाबंदियां भी लागू रहेंगी।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि सप्ताहांत में शुक्रवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक लॉकडाउन लागू रहेगा। इसके अलावा, सप्ताह के सभी दिनों में दिन के वक्त धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की जाएगी।

बयान के मुताबिक, आवश्यक सेवाओं से जुड़ी दुकानों, मेडिकल स्टोर एवं किराना दुकानों के अलावा सभी अन्य दुकानें, बाजार और शॉपिंग मॉल 30 अप्रैल तक बंद रहेंगे। ये सभी नए प्रतिबंध सोमवार रात आठ बजे से प्रभावी होंगे।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई मंत्रिमंडल की विशेष बैठक के दौरान इन सभी प्रतिबंधों को लागू करने का निर्णय लिया गया।

बयान के मुताबिक, बैंकिंग, शेयर बाजार, बीमा, दवा, टेलीकम्युनिकेशन और मेडिक्लेम क्षेत्र को छोड़कर इन प्रतिबंधों के तहत सभी निजी कार्यालय बंद रहेंगे। निजी कार्यालयों के लिए ‘घर से काम’(वर्क फ्रॉम होम) लागू करना अनिवार्य है। हालांकि, स्थानीय आपदा प्रबंधन, बिजली विभाग और जलापूर्ति से जुड़े कार्यालयों को प्रतिबंधों से छूट रहेगी।

इसके मुताबिक, कोविड-19 प्रबंधन से जुड़े विभागों को छोड़कर बाकी सभी सरकारी दफ्तरों को क्षमता से 50 प्रतिशत से ही काम करने की इजाजत होगी। साथ ही आंगतुकों को सरकारी कार्यालयों में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाएगी। हालांकि, आवश्यक सेवाओं को रात्रिकालीन कर्फ्यू में छूट दी गई है।

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