नयी दिल्ली, 27 फरवरी सैन्य भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा बरकरार रखे जाने के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को कहा कि इस फैसले ने विपक्ष की नकारात्मक राजनीति को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने योजना पर 'अपमानजनक' टिप्पणी के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी से माफी की मांग की। उन्होंने विपक्षी दलों पर मोदी सरकार की विकासोन्मुखी पहलों में बाधा उत्पन्न करने पर आमादा होने का आरोप लगाया।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने सैन्य भर्ती योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि इसमें हस्तक्षेप करने का कोई कारण नजर नहीं आता।
अदालत ने कहा कि यह योजना राष्ट्रीय हित में और यह सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है कि सशस्त्र बल बेहतर तरीके से सुसज्जित हों।
बलूनी ने कहा कि अदालत की टिप्पणियों ने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की दिशा में केंद्र सरकार के प्रगतिशील दृष्टिकोण को सही साबित किया है।
उन्होंने कहा, "यह विपक्षी दलों के विकास और प्रगतिशील विरोधी चेहरे को उजागर करता है। यह कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी एक बार फिर बेनकाब करता है, जिन्होंने हमारे युवाओं को गुमराह करने की कोशिश की। राहुल गांधी को अग्निपथ योजना पर अपने बेहद अपमानजनक और नकारात्मक बयानों के लिए देश, विशेष रूप से युवाओं से माफी मांगनी चाहिए।"
अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को चार साल के लिए सेना (नौसेना, थल सेना और वायुसेना) में सेवा देने का अवसर मिलेगा। इन युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा। चार साल बाद चयनित हुए अग्निवीरों में से 25 प्रतिशत को स्थायी कर दिया जाएगा और बाकी लोगों को सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा।
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