नयी दिल्ली, 18 मार्च उच्चतम न्यायालय तमिलनाडु मंत्रिमंडल में वरिष्ठ द्रमुक नेता के. पोनमुडी को मंत्री नियुक्त करने से राज्यपाल आर एन रवि के इनकार के खिलाफ राज्य सरकार की एक याचिका पर सुनवाई करने के लिए सोमवार को राजी हो गया।
राज्यपाल ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री को राज्य मंत्रिमंडल में फिर से शामिल करने से हाल में इनकार करते हुए कहा था कि यह संवैधानिक नैतिकता के विरुद्ध होगा।
भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी की दलीलों पर गौर किया कि मामले पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है।
सीजेआई ने कहा, ‘‘कृपया एक ईमेल भेजिए। मैं ईमेल पर विचार करूंगा।’’
राज्यपाल रवि ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को लिखे एक पत्र में कहा था कि उच्चतम न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश के जरिए ही पोनमुडी की सजा को निलंबित किया है।
उन्होंने पोनमुडी को स्टालिन मंत्रिमंडल में नियुक्त करने से इनकार कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति मामले में पोनमुडी की सजा निलंबित कर दी है जिसके बाद हाल में राज्य सरकार ने विधायक के रूप में उनकी सदस्यता बहाल की थी।
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