देश की खबरें | अदालत सिंह की जनहित याचिका की विचारणीयता के मुद्दे पर सोमवार को फैसला सुनायेगी

मुंबई, दो अप्रैल बम्बई उच्च न्यायालय इस संबंध में पांच अप्रैल को अपना फैसला सुनायेगा कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा दाखिल एक जनहित याचिका को आगे सुना जाना चाहिए या नहीं।

सिंह ने न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल की है जिसमें महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच कराये जाने का अनुरोध किया गया है।

सिंह ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे समेत पुलिस अधिकारियों से बार और रेस्तरां से प्रतिमाह 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था।

उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास के निकट एक वाहन में विस्फोटक सामग्री मिली थी और इस मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने वाजे को गिरफ्तार किया था।

सिंह ने याचिका में राज्य में पुलिस तबादलों में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाया है।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की एक खंडपीठ ने जनहित याचिका की विचारणीयता के मुद्दे (क्या इसे अंतिम सुनवाई के लिए लिया जाए या प्रारंभिक चरण में खारिज कर दिया जाए) पर 31 मार्च को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

महाराष्ट्र सरकार के वकील ने दलील दी कि याचिका विचारणीय नहीं है क्योंकि सिंह के निहित स्वार्थ हैं और यह याचिका उन्हें मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाकर होमगार्ड में स्थानांतरित करने के कारण दाखिल की गई है।

पीठ पांच अप्रैल को अपना आदेश सुनायेगी।

अदालत वकीलों जयश्री पाटिल तथा घनश्याम उपाध्याय और प्रोफेसर मोहन भिड़े द्वारा दाखिल अन्य तीन याचिकाओं पर भी अपना फैसला देगी। इन याचिकाओं में देशमुख के खिलाफ सिंह के आरोपों की स्वतंत्र जांच कराये जाने का अनुरोध किया गया है।

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