नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर दिल्ली की एक अदालत ने व्यवसायी और अवंता समूह की कंपनियों के प्रवर्तक गौतम थापर तथा 20 अन्य के खिलाफ 500 करोड़ रुपये के धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से दायर आरोपपत्र का शनिवार को संज्ञान लिया।
विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने आरोपी व्यक्तियों एवं कंपनियों को 20 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच पांच अलग-अलग तारीख पर तलब किया और कहा कि इतनी संख्या में आरोपी व्यक्तियों एवं उनके वकीलों की एक तारीख पर उपस्थिति कोविड-19 के मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करने के लिहाज से उचित नहीं है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इसलिए मैं अपराध का संज्ञान लेता हूं क्योंकि वर्तमान मामले में आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार है।’’
ईडी के विशेष लोक अभियोजक एन. के. मट्टा द्वारा दायर अंतिम रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने 2017 से 2019 के बीच सार्वजनिक धन के दुरूपयोग के लिए आपराधिक विश्वास हनन, ठगी, आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी की और इससे यस बैंक को 466.51 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।
थापर (60) को तीन अगस्त को धनशोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले एजेंसी ने दिल्ली एवं मुंबई में उनसे जुड़े व्यवसाय एवं उनके परिसरों पर छापेमारी की थी।
वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी अवंता रियलिटी, यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर एवं उनकी पत्नी के बीच धन के कथित लेन-देन की जांच कर रही थी। एजेंसी पीएमएलए के तहत कपूर की पहले से जांच कर रही है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद ईडी ने धनशोधन का मामला दर्ज किया।
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