अदालत ने हमला करने के मामले में महाराष्ट्र के मंत्री की सजा निलंबित की
बॉम्बे हाई कोर्ट (Photo Credits: PTI)

नागपुर, 22 अक्टूबर: बम्बई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के अमरावती (Amravati) जिले में 2012 में एक पुलिसकर्मी के साथ कथित मारपीट के सिलसिले में प्रदेश की कैबिनेट मंत्री यशोमति ठाकुर को मिली तीन महीने की सजा बृहस्पतिवार को निलंबित कर दी. अमरावती (Amravati) की एक सत्र अदालत ने 15 अक्टूबर को ठाकुर, उनके चालक तथा दो अन्य को मामले में दोषी करार देते हुये तीन—तीन महीने के कारावास की सजा सुनायी थी. ठाकुर प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं.

कांग्रेस (Congress) नेता ठाकुर ने इस हफ्ते के शुरू में उच्च न्यायालय (High Court) में इस सजा के खिलाफ एक अपील दायर की थी और अपनी याचिका पर अंतिम सुनवाई होने तक अंतरिम राहत के तौर पर सजा को निलंबित करने का अनुरोध किया था . याचिका में उन्होंने अपनी दोषसिद्धि पर भी रोक लगाने का अनुरोध किया था.

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मंत्री के अधिवक्ता सुबोध धर्माधिकारी एव अनिकेत निकम ने दलील दी, ''महज गवाहों द्वारा दिये गए साक्ष्यों के अवलोकन से यह पता चलता है कि सत्र अदालत ने अपीलकर्ता को दोषी करार देने में गलती की है . सजा के लिए कोई मामला नहीं बनाया गया है.''

न्यायमूर्ति विनय जोशी (Justice Vinay Joshi)  ने बृहस्प​तिवार को मंत्री की अपील को विचारार्थ स्वीकार कर लिया और सजा को निलंबित कर दिया. अदालत ने मामले की सुनवाई के लिये 27 अक्टूबर की तरीख मुकर्रर की है. अभियोजन पक्ष के अनुसार यह मामला 24 मार्च 2012 का है.

आरोप पत्र के अनुसार ठाकुर, उनके चालक सागर सुरेश खांडेरकर (Sagar Suresh Khanderkar) एवं पार्टी कार्यकर्ताओं शरद काशीराव जवंजाल (Sharad Kaashiraav Javanjaal) तथा राजू किसन इंगले (Raju Kisan Ingle) ने कथित रूप से यातायात पुलिसकर्मी उल्हास रउराले की पिटाई कर दी थी, जब उसने वन वे लेन में जाने से तत्कालीन विधायक ठाकुर की गाड़ी रोकी थी.

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