नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार से कहा कि वह उसके समक्ष 30 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से जुड़ी जानकारी और दस्तावेज रखें।
पीठ ने 21 जुलाई को एक सुनवाई के दौरान यह जानकारी मांगी थी जो अभी नहीं मिली है।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ शाही ईदगाह मस्जिद प्रबंधन समिति की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में उच्च न्यायालय के 26 मई के आदेश को चुनौती दी गयी थी जिसने मथुरा की एक अदालत के समक्ष लंबित विवाद से जुड़े सभी मामलों को खुद को हस्तांतरित कर लिया था।
शीर्ष अदालत ने 21 जुलाई को मामले में सुनवाई करते हुए कहा था, ‘‘हम उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार से यह पूछना उचित समझते हैं कि वे कौन से मामले हैं जिन्हें विवादित आदेश के तहत एक साथ करने का अनुरोध किया गया है।’’
पीठ ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा कि उसे अब तक उच्च न्यायालय से जानकारी नहीं मिली है।
पीठ ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर की तारीख तय की और उच्च न्यायालय के संबंधित रजिस्ट्रार से उसके समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा।
मथुरा की अदालत के समक्ष दायर मुकदमे में, हिंदू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता और अन्य के माध्यम से बाल कृष्ण ने सिविल न्यायाधीश सीनियर डिवीजन (तीन) की अदालत में याचिका दायर कर शाही मस्जिद ईदगाह को स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था। उनका दावा है कि ईदगाह का निर्माण श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की 13.37 एकड़ भूमि के एक हिस्से पर किया गया है।
उच्च न्यायालय ने 26 मई को श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित सभी मामले जो मथुरा की एक अदालत के समक्ष लंबित हैं, उन्हें अपने पास स्थानांतरित कर दिया था।
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