नयी दिल्ली, 17 मार्च दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को और सात दिन की हिरासत में दिए जाने का अनुरोध कर रही, प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
दिल्ली आबकारी नीति से संबद्ध धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार, पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल की अदालत में पेश किया।
राउज एवेन्यू अदालत परिसर के अंदर और बाहर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है।
ईडी ने अदालत को बताया कि सिसोदिया की हिरासत के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी मिली है तथा उन्हें अन्य आरोपियों के साथ बिठा कर पूछताछ करनी है।
ईडी ने अदालत को बताया कि ‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया के ईमेल में मिले डेटा, उनके मोबाइल फोन का फॉरेसिंक विश्लेषण भी किया जा रहा है ।
सिसोदिया के वकील ने उनकी रिमांड अवधि बढ़ाने के संघीय जांच एजेंसी ईडी के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि तथाकथित अपराध से अर्जित आय पर जांच एजेंसी कुछ नहीं बोल रही है जबकि मामले के केंद्र में यही है।
उन्होंने यह भी कहा कि हिरासत की अवधि बढ़ाए जाने का कोई तुक नहीं है और सिसोदिया की पूर्व की सात दिवसीय हिरासत के दौरान उनका सामना केवल चार लोगों से कराया गया।
प्रवर्तन निदेशालय ने नौ मार्च को सिसोदिया को तिहाड़ जेल में गिरफ्तार किया था । यहां वे दिल्ली सरकार की 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद से बंद हैं।
इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है जिसने सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।
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