नयी दिल्ली, 19 जून दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां की अंतरिम जमानत को और बढ़ाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।
जहां के खिलाफ फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता अधिनियम के विरोध में सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित एक मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने जहां को शुक्रवार को जेल में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया और जेल अधीक्षक से उन्हें पर्याप्त चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने को कहा।
जहां ने वकील ललित वलेचा के जरिए 19 जून तक पहले दी गई अंतरिम जमानत को सात दिनों के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया। उन्होंने शादी के लिए अंतरिम जमानत का अनुरोध किया था।
वकील ने कहा कि जहां ने 12 जून को शादी की और बाद में उनका पति एक रिश्तेदार के संपर्क में आया जो कोविड -19 से संक्रमित था।
जमानत याचिका में वकील ने कहा कि उनके पति को कोरोना वायरस जांच कराने की सलाह दी गई है और जहां में भी कुछ लक्षण दिखे हैं। मैक्स सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, पटपड़गंज के डॉक्टरों ने उन्हें कोरोना वायरस की जांच से पहले सात दिनों तक घर में पृथक-वास में रहने की सलाह दी है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुयी सुनवाई के दौरान, वकील ने अदालत को बताया कि जहां के पति की रिपोर्ट नकारात्मक आयी है।
दिल्ली पुलिस के जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि संबंधित डॉक्टर ने कोई कोविड-19 जांच कराने को नहीं कहा है और बताया गया है कि यह फ्लू का सामान्य मामला है।
अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी की रिपोर्ट या संबंधित डॉक्टर की सलाह पर संदेह करने का कोई विशिष्ट कारण नहीं हैं। यह कानून का स्थापित सिद्धांत है कि अंतरिम जमानत केवल विशेष परिस्थितियों में दी जा सकती है। केवल आशंकाएं अंतरिम जमानत के लिए वैध आधार नहीं बन सकती हैं।
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