देश की खबरें | न्यायालय का नीट परीक्षा टालने या रद्द करने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर विचार से इंकार
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, नौ सितंबर उच्चतम न्यायालय ने 13 सितंबर को होने जा रही राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) स्थगित करने या फिर रद्द करने के लिये दायर याचिकाओं पर बुधवार को विचार करने से इंकार कर दिया।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुये कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिये आयोजित हो रही नीट 2020 परीक्षा में छात्रों की सुरक्षा के लिये प्राधिकारी सभी आवश्यक कदम उठायेंगे।

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पीठ ने इसके साथ ही इन याचिकाओं को खारिज कर दिया।

इससे पहले, न्यायालय ने गैर भाजपा शासित राज्यों के छह मंत्रियों की पुनर्विचार याचिका भी चार सितंबर को खारिज कर दी थी। इस याचिका में 17 अगस्त के आदेश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया था। 17 अगस्त के आदेश ने ही नीट और जेईई की परीक्षाओं के आयोजन का मार्ग प्रशस्त किया था।

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पीठ ने बुधवार को याचिकाओं पर संक्षिप्त सुनवाई के दौरान कहा कि सभी प्राधिकारियों ने इस परीक्षा के लिये सभी आवश्यक बदोबस्त किये हैं।

पीठ ने कहा कि अब सब कुछ बंद हो चुका है। यहा तक कि पुनर्विचार याचिका भी खारिज हो चुकी है। जेईई की परीक्षा हो चुकी है और अब सिर्फ नीट की परीक्षा ही बाकी है।

एक याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरविन्द दातार ने कहा कि बिहार में सिर्फ दो ही केन्द्र पटना और गया में बनाये गये हैं। उन्होंने कुछ सप्ताह के लिये यह परीक्षा स्थगित करने का अनुरोध किया।

वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने कहा कि निषिद्ध क्षेत्रों (कंटेनमेन्ट जोन) में रहने वाले लोगों को बाहर नहीं आने दिया जा रहा है। ‘‘ऐसी स्थिति में वहां रहने वाले छात्र कैसे परीक्षा दे सकते हैं ?’’

जेईई की परीक्षायें एक से छह सितंबर तक संपन्न हो चुकी हैं। अब 13 सितंबर को नीट की परीक्षा होनी है।

न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जेईई (मुख्य) अप्रैल, 2020 और नीट-यूजी की सितंबर में होने वाली परीक्षाओं के कार्यक्रम में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुये 17 अगस्त को कहा था कि छात्रों का कीमती वर्ष बर्बाद नहीं किया जा सकता और जीवन चलते रहना है।

अनूप

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